
मुंबई, 16 नवंबर (वार्ता) अचल सम्पत्ति बाजार पर अनुसंधान एवं पारामर्श सेवायें देने वाली वैश्विक कंपनी नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों की ओर से मांग मजबूत बने रहने से भारत के प्रमुख शहरों में कार्यालय स्थल का बाजार 2024 की तीसरी तिमाही में मजबूत बना रहा, इसके विपरीत चीन में बीजिंग, शंघाई और गुआंगझोऊ जैसे बाजारों में कार्यालय स्थल के किरायों में सालाना आधार पर गिरावट दर्ज की गयी।
एशियार प्रशांत के 23 प्रमुख बाजारों में कार्यालय बाजार पर नाइट फ्रैंक की शनिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई -सितंबर तिमाही) में दिल्ली-एनसीआर का कार्यालय बाजार एशिया प्रशांत क्षेत्र का छठा सबसे महंगा बाजार रहा।
तीसरी तिमाही के दौरान हांगकांग (विशेष प्रशासनिक क्षेत्र) प्रतिष्ठित जगहों पर प्रति वर्ग फुट वार्षिंक 155.52 अमेरिकी डालर के किराये के साथ सबसे महंगा कार्यालय बाजार बना रहा, यद्यपि वहां सालाना आधार पर किराये 9.4 प्रतिशत नीचे आ गये थे। इस सूची में सिंगापुर (125.66) दूसरे, सिडनी (99.75) तीसरे, टोक्यो (86.03) चौथे, सोल (85.56) पाचवें और दिल्ली-एनसीआर (77.73 डालर प्रति वर्ग फुट वार्षिक) छठे स्थान पर रहा।
रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्र के सबसे महंगे 23 बाजारों में मुंबई (69.96 डालर) के साथ आठवें और बेंगलुरु 36.17 डालर प्रति वर्ग मीटर प्रति वर्ष के आफिस किराए के साथ 18वें स्थान पर रहा।
सूची के 23 शहरों में से 16 में किराए सालाना आधार पर बढे या स्थिर रहे। चीन में बीजिंग और शंघाई में किरायों में सबसे ज्यादा गिरावट (11 प्रतिशत से अधिक) दर्ज की गयी। वहां गुआंगझोऊ और शेंझेन के अच्छी जगहों के कार्यालय भवनों के भी किराए वार्षिक आधार पर 6.4 प्रतिशत और 9.4 प्रतिशत नीचे आ गये थे।
नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2024 की जुलाई-सितंबर तिमाही में एनसीआर के कार्यालय किराये की औसत दरें स्थिर रहीं, जबकि मुंबई और बेंगलुरु में साल-दर-साल क्रमशः पांच प्रतिशत और तीन प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी। इन देनों जगहों पर कार्यालय स्थल की मजबूत मांग मांग और सीमित नयी आपूर्ति के कारण कीमतें मजबूत बनी हुई हैं।
भारत के इन तीन प्रमुख कार्यालय बाजारों में इस वर्ष की दूसरी और तीसरी तिमाही में संयुक्त लेन-देन की मात्रा लगातार सर्वकालिक उच्च स्तर पर बनी रही।
नाइट फ्रैंक के अनुसार इस वृद्धि का श्रेय मुख्य रूप कंपनियों द्वारा भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) और भारत-केंद्रित व्यवसाय के लिये कार्यालय स्थल की मांग को जाता है। फर्म का कहना है कि यह मजबूती भारत के आर्थिक भविष्य, देश में प्रतिभावन मानव संसाधन, व्यापार-अनुकूल नियम कायदे और देश के विशाल उपभोक्ता बाजारों में जारी वृद्धि के बारे में वैश्विक कंपनियों की उम्मीदों को दर्शाती है।
रिपोर्ट के अनुसार 2024 की तीसरी तिमाही में बेंगलुरु में पिछले साल इसी अवधि की तुलना में कार्यालय स्थल की मांग में सबसे ज्यादा 158 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गयी। वहां इस मांग में 62 प्रतिशत जगह जी.सी.सी. के लिये थी। मुंबई और एन.सी.आर. के कारोबार का ज़्यादातर हिस्सा भारत के साथ कारोबार करने वाली कंपनियों का था।
रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एन.सी.आर., मुंबई और बेंगलुरू में अच्छे कार्यालय स्थलों का किराया सालना आधार पर मज़बूत रहा और अगले 12 महीनों में किराये मजबूत रहने की उम्मीद है।
नाइट फ्रैंक इंडिया के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, “ भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को लेकर वैश्विक कंपनियों का आकर्षण बना हुआ है। यह बात भारत के प्रमुख कार्यालय बाजारों में निरंतर मांग में परिलक्षित हो रही है। तीसरी में किरायेदारी के सौदे मात्रा के हिसाब से रिकॉर्ड ऊंचाई पर चल रहे हैं और 2024 में नया वार्षिक मानक बन सकता है तथा इस समय किराया भी मजबूत बना हुआ है।”
उन्होंने कहा, “ जगह के भौतिक उपयोग का स्तर ऊंचा बने रहना तथा 2022 से लगातार किरायों में मजबूती से हमरा विश्वास है कि निकट से मध्यम अवधि में भारतीय कार्यालय बाजार में तेजी बनी रहेगी। ”