नर्मदा उद्गम अमरकंटक के रामघाट पर प्रज्ज्वलित किए 11 हजार दीप

भोपाल, 13 नवम्बर (वार्ता) देव उठनी एकादशी के पावन पर्व पर मां नर्मदा की उद्गम स्थली पवित्र नगरी अमरकंटक में संत मण्डल द्वारा 11 हजार दीपदान, पंच महाआरती, भजन संध्या सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार अमरकंटक के इतिहास में संत मंडल के नेतृत्व एवं जन-सहभागिता से आध्यात्मिक, धार्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भव्य एवं मंत्रमुग्ध करने वाला था। कलेक्टर श्री हर्षल पंचोली सपत्नीक आयोजन में मुख्य यजमान के रुप में शामिल हुए। कार्यक्रम में अमरकंटक, पेण्ड्रा, राजेन्द्रग्राम, अनूपपुर,कोतमा, बिजुरी, डिण्डोरी, बुढार, शहडोल के लोगों ने भी बढ चढ कर हिस्सा लिया।

देवउठनी एकादशी- तुलसी विवाह अवसर पर अमरकंटक संत मण्डल द्वारा नर्मदा उद्गम के रामघाट के दक्षिण तट पर 11 हजार दीप प्रज्ज्वलित किए गए। श्रद्धालुओं द्वारा रामघाट को रंगोली,पुष्पमाला,रंगीन बिजली की लाईट से सजावट कर कार्यक्रम को अत्यंत मनोहारी बनाया गया था। शायं 5 बजे से शुरु हुआ कार्यक्रम रात्रि 9 बजे तक चला। दीपदान और पंच आरती से पूर्व भजन कीर्तन , वैदिक मंत्रोच्चारण कर नर्मदाष्टक से नर्मदा मैया की विधिवत पूजा-अर्चना की गयी। मृत्युंजय आश्रम के वेदपाठी शिष्यों द्वारा सस्वर पाठ किया गया। इसके पश्चात नर्मदा तट के रामघाट पर 11 हजार दीप प्रज्ज्वलन के साथ दीपदान करते हुए काशी के आचार्यों द्वारा पंच महाआरती की गयी।

अमरकंटक संत मंडल के द्वारा आयोजित दीपोत्सव कार्यक्रम में मां कल्याणिका पब्लिक स्कूल पेंड्रा रोड, कल्याणिका केन्द्रीय शिक्षा निकेतन विद्यालय अमरकंटक, सरस्वती शिशु उच्च माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक एवं शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमरकंटक के छात्र-छात्राओं ने कला का प्रदर्शन कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। आकर्षक प्रस्तुति देने वाले छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति-पत्र प्रदान कर पुरस्कृत किया।

जिले में दस सदस्यीय प्रशिक्षु आईएएस दल भ्रमण पर है। नर्मदा तट पर आयोजित दीपदान-पंच आरती कार्यक्रम में प्रशिक्षु आईएएस दल भी शामिल हुए। प्रशिक्षु आईएएस अधिकारियों ने श्रद्धाभाव से कार्यक्रम में सहभागिता निभाई। कलेक्टर पंचोली ने कहा कि सभी के सहयोग से ऐतिहासिक कार्यक्रम हुआ है। इसे प्रतिवर्ष सभी के सहयोग से मनाया जायेगा।

दीपदान महोत्सव के पूर्व संत मंडल के पूज्य संतों ने नर्मदा जी में स्वच्छता अभियान चलाया। संतों द्वारा नर्मदा जी में उतर कर लगभग तीन घंटे श्रमदान कर नदी और घाट की सफाई की और स्वच्छता का संदेश दिया गया।

 

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