नयी दिल्ली 11 नवंबर (वार्ता) केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यहां एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक (एआईआईबी) प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक की, जिसमें 9 विभिन्न क्षेत्रों से एआईआईबी के निदेशक मंडल के 11 अधिकारी, एआईआईबी प्रबंधन के वरिष्ठ प्रतिनिधि और बोर्ड समूह के दौरे के लिए भारत आए कर्मचारी शामिल थे।
एआईआईबी बोर्ड की भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य निदेशक मंडल को अपने सदस्य देशों में एआईआईबी के चल रहे और नियोजित निवेशों के बारे में समग्र जानकारी प्रदान करना और सरकार, निजी क्षेत्र और अन्य हितधारकों के साथ जुड़ने का अवसर प्रदान करना है।
पिछले नौ वर्षों में एआईआईबी की उल्लेखनीय वृद्धि की सराहना करते हुए वित्त मंत्री ने भारत के मजबूत वृहद आर्थिक बुनियादी ढांचे और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की शक्ति बनाने और उसका दोहन करने में इसके प्रदर्शित नेतृत्व को रेखांकित किया।
एआईआईबी बोर्ड की गवर्नर श्रीमती सीतारमएा ने कहा कि एआईआईबी को जलवायु अनुकूलन और लचीलापन, बुनियादी ढांचे के विकास, ऊर्जा सुरक्षा, शहरी विकास के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में अपने निवेश को व्यापक बनाना चाहिए और भारत के अगली पीढ़ी के सुधारों के लिए समर्थन देना चाहिए। उन्होंने एआईआईबी के प्रोजेक्ट डिजाइन और कार्यान्वयन में वित्त प्लस और बजट प्लस तत्वों को लगातार शामिल करने के महत्व पर भी जोर दिया।
श्रीमती सीतारमण ने उल्लेख किया कि डिजिटल परिवर्तन का भारत का अनुभव समावेशी विकास के लिए डिजिटल समाधानों का उपयोग करने के इच्छुक अन्य देशों के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है और साथ ही भारत का आपदा प्रबंधन का समृद्ध अनुभव, जो कई कमजोर अर्थव्यवस्थाओं के लिए मूल्यवान हो सकता है।
वित्त मंत्री ने इस पर जोर दिया कि भारत के पास क्षेत्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के संदर्भ में बहुत कुछ देने को है और एआईआईबी को भारत से अन्य समान स्थिति वाले देशों में ज्ञान और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण की सुविधा के लिए एक संस्थागत तंत्र विकसित करना चाहिए। श्रीमती सीतारमण ने कहा कि एआईआईबी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए एआईआईबी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सुझाव दिया कि एआईआईबी को नवीन वित्तीय उपकरणों और मॉडलों के अधिक प्रावधान के लिए प्रयास करना चाहिए और निजी पूंजी जुटाने के लिए अपने प्रयासों को बढ़ाना चाहिए और इस संबंध में एआईआईबी को भारत के पूर्ण समर्थन और सहयोग का आश्वासन दिया और कहा कि भारत एआईआईबी के नवीन वित्तपोषण मॉडल और प्रौद्योगिकियों के संचालन के लिए एक सैंडबॉक्स के रूप में कार्य कर सकता है।
वित्त मंत्री ने एआईआईबी को भारत की जी20 प्रेसीडेंसी के तहत स्थापित स्वतंत्र विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों के अनुरूप एमडीबी को मजबूत करने और सुधारने के चल रहे काम में भाग लेना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें एमडीबी को अधिक प्रभाव और पैमाने के लिए एक प्रणाली के रूप में एक साथ काम करने का आह्वान भी शामिल है।
श्रीमती सीतारमण ने बताया कि भारत एमडीबी में शासन सुधारों के लिए प्रतिबद्ध है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एमडीबी समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए ‘उद्देश्य के लिए उपयुक्त’ हैं, जबकि सभी सदस्यों विशेष रूप से कम आय वाले देशों (एलआईसी) की जरूरतों के प्रति समावेशी और उत्तरदायी बने हुए हैं।
बैठक से पहले, प्रतिनिधिमंडल ने एशियाई विकास बैंक (एडीबी), एआईआईबी और न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) द्वारा वित्तपोषित क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल बेंगलुरू में अन्य परियोजना स्थलों का भी दौरा करेगा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अग्रणी प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेगा। प्रतिनिधिमंडल ने भारत की अन्य बहुपक्षीय और द्विपक्षीय एजेंसियों और परियोजना कार्यान्वयन एजेंसियों के साथ एक गोलमेज चर्चा में भी भाग लिया, ताकि भारत की विकास प्राथमिकताओं, निवेश परिदृश्य और परिचालन चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूचनाओं और अनुभवों के मजबूत आदान-प्रदान को सुगम बनाया जा सके और साथ ही सहयोग और निवेश के लिए आगे के अवसरों की खोज की जा सके।