नयी दिल्ली 11 नवंबर (वार्ता) वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू ने आज यहां प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) खाताधारकों के लिए नए सिरे से अपने ग्राहक को जानें (पुनः केवाईसी) प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों के साथ बैठक की।
श्री नागराजू की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में केवाईसी की प्रक्रिया पर चर्चा की गयी। पीएमजेडीवाई को 2014 में लॉन्च किया गया था और अगस्त, 2014 से दिसंबर 2014 की अवधि के दौरान मिशन मोड में लगभग 10.5 करोड़ पीएमजेडीवाई खाते खोले गए थे। ये पीएमजेडीवाई खाते अब 10 साल बाद आवधिक अद्यतनीकरण या पुनः केवाईसी के लिए देय हो रहे हैं।
बैठक के दौरान, श्री नागराजू ने पुनः-केवाईसी करने के लिए सभी साधनों का उपयोग करने का सुझाव दिया – जैसे फिंगरप्रिंट, चेहरे की पहचान, यदि केवाईसी दस्तावेजों में कोई बदलाव नहीं हुआ है तो घोषणा पत्र लेना – सभी चैनलों जैसे एटीएम, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग और अन्य उपलब्ध डिजिटल चैनलों के माध्यम से। उन्होंने कहा कि बैंकों को अन्य सहकर्मी बैंकों द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं को लागू करने के लिए भी तत्पर रहना चाहिए। श्री नागराजू ने जोर देकर कहा कि राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी/यूटीएलबीसी) के साथ-साथ अग्रणी जिला प्रबंधकों (एलडीएम) की भूमिका महत्वपूर्ण है और उन्हें अभियान के रूप में पुनः-केवाईसी करवाने के लिए लोगों को जुटाने में राज्य/जिला प्रशासन/ग्राम पंचायतों की सहायता लेनी चाहिए।
श्री नागराजू ने बैंकों से पीएमजेडीवाई योजना के शुभारंभ के दौरान दिखाए गए उत्साह के साथ काम करने और ग्राहकों को किसी भी असुविधा से बचने के लिए पुनः-केवाईसी के कार्य को मिशन मोड में पूरा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने बैंकों को समयबद्ध तरीके से पुनः-केवाईसी को पूरा करने के लिए जहां भी आवश्यक हो, अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात करने का निर्देश दिया।