नयी दिल्ली, 11 नवंबर (वार्ता) खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया (केकेएफआई) ने 13 से 16 जनवरी 2025 में आईजीआई स्टेडियम में होने वाले खो-खो विश्वकप को ध्यान में रखते हुए इस स्वदेशी खेल के विकास के लिए देश भर में 50 लाख स्कूली छात्रों को पंजीकृत करने अभियान शुरू किया है।
ऑफ डिजिटल एंटरप्रेन्योर्स (एसओडीई) के सहयोग से चलाये जा रहे इस डिजिटल पंजीकरण अभियान ने पहले ही उल्लेखनीय प्रगति की है। यह देशभर के सात हजार 132 शहरों और एक हजार 160 स्कूलों तक पहुँच चुका है। दक्षिणी राज्य तेलंगाना से लेकर उत्तर प्रदेश तक, अब तक कक्षा छह से 11 तक के छात्रों ने इस अनोखे अभिनव जमीनी स्तर के प्रोग्राम में सक्रिय रूप से पंजीकरण कराया है।
केकेएफआई के महासचिव एम.एस. त्यागी ने कहा, “हमारा सपना जनवरी में होने वाले विश्वकप से पहले 50 लाख से अधिक छात्रों को जोड़ना है। अगर हम ऐसा करने में सफल होते हैं, तो हम 50 लाख परिवारों को खो-खो की दुनिया से जोड़ देंगे।”
उन्होंने कहा, “मैं 1964 से खो-खो खेल से जुड़ा हुआ हूं। पहले एक खिलाड़ी के रूप में, बाद में एक कोच के रूप में और अब महासचिव के रूप में। मैंने जो देखा है, वह यह है कि किसी भी खेल को आगे बढ़ाने और आगे बढ़ाने के लिए हमें इस तरह के पंजीकरण अभियान की आवश्यकता होती है।”
केकेएफआई के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने भी अपने विचार साझा करते हुए कहा, “भारत 2036 ओलंपिक की मेजबानी करने की ओर अग्रसर है, इसलिए हम खो खो को ओलंपिक मानकों तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस पंजीकरण अभियान का उद्देश्य केवल एक डेटाबेस बनाना नहीं है। यह एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के बारे में है जो भविष्य के चैंपियनों को पोषित करेगा और इस स्वदेशी खेल को वैश्विक मंच पर ले जाएगा। हमारा लक्ष्य खो खो को न केवल भारत का गौरव बनाना है, बल्कि एक ऐसा खेल बनाना है जो दुनिया की कल्पना को पकड़ ले।”