इंदौर: एंड्रॉयड मोबाइल चलाने वालों को साइबर फ्रॉड का खतरा अब हर समय मंडराने लगा है. यह किसी के भी साथ हो सकता है, क्योंकि एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर अनचाहे कॉल रोकने की पॉलिसी कंपनियों ने नही बनाई है. इस कारण कही से भी और किसी भी देश से फ्रॉड कॉल आते है, जिसका कोई हल नहीं है , सिवाय इसके कि नंबर ब्लॉक कर दो. अभी डिजिटल अरेस्ट की वारदातें बहुत हो रही है.साइबर फ्रॉड और सुरक्षा को लेकर नव भारत प्रति सोमवार अपने पाठकों को जानकारी दे रहा है। इससे बचने और सुरक्षित रहने का तरीका सांझा कर रहा है , ताकि आपके साथ किसी तरह की वारदात या अपराध नहीं हो.
इस कड़ी में आज आपको डिजीटल अरेस्ट 2.0 की जानकारी और उपाय बताएं जा रहे है. डिजिटल अरेस्ट वन में आपको डरा कर मोबाइल से किसी से बात और अन्य तरह का प्रेशर बना कर रोक दिया जाता है. डिजिटल अरेस्ट 2.0 में आपके पास ऑटोमेटेड कॉलके माध्यम से अरेस्ट किया जाता है. आने वाले कॉल पर बताया जाता है कि आपकी सिम दो घंटे में बंद हो जाएगी या होने वाली है. आप गैस बुकिंग या अन्य तरीके की तरह सिम चालू रखने के लिए कॉल पर नंबर दबाने का कहा जाता है. इसके बाद आपको व्हाट्सएप कॉल पर बताया जाता है कि आपके बैंक अकाउंट से गलत तरीके से ट्रांजेक्शन हुआ है. इसके बाद क्राइम ब्रांच, सीबीआई, ईडी, हाई कोर्ट के फर्जी और झूठे नोटिस वीडियो कॉल पर दिखा कर डिजिटल अरेस्ट कर दिया जाता है. इसके बाद आपकी किसी से बात करने से लेकर किसी को कुछ बताने का प्रेशर बना दिया जाता है. आपको डिजिटल अरेस्ट कर फिर अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करवा लिया जाता है. उपरोक्त स्थिति में साइबर फ्रॉड के शिकार हो जाते है.
अनचाहे काल रिसीव नहीं करें
क्राइम ब्रांच और साइबर सेल प्रभारी एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया बताते है कि इससे बचने के लिए सबसे पहले कॉल करने वाले से लैंडलाइन और अधिकृत नंबर से कॉल करने का कहना चाहिए. इसके अलावा व्हाट्सएप कॉल को सही नहीं मानना चाहिए, वो फ्रॉड कॉल होता है. अनचाहे कॉल रिसीव नहीं करे और उपरोक्त कॉल को ब्लॉक करना ठगी से बचने का सबसे सुरक्षित तरीका है.