जम्मू-कश्मीर पुलिस के लिए नयी चुनौती बन रही है नंबर प्लेट मास्किंग

जम्मू, 10 नवंबर (वार्ता) ‘बलिदान और साहस की गाथा’ के आदर्श वाक्य के तहत राष्ट्र की सेवा कर रहे जम्मू-कश्मीर के पुलिसकर्मियों के लिए सड़कों पर ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ एक नयी चुनौती के रूप में उभर रही है।

गौरतलब है कि ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ विशेष रूप से एक ऐसी प्रथा है, जिसमें किसी वाहन की नंबर प्लेट को प्लास्टिक, चिपकने वाले टेप से ढककर, हेलमेट या पैर से रोककर, नंबरों को काला करके या जानबूझकर नंबर प्लेट पर गंदगी, पेंट या पॉलीथीन छिड़क कर सीसीटीवी कैमरों और जुर्माने से बचने के लिए छुपाया या बदला जाता है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा,“ ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ का कार्य अवैध है और एक नई चुनौती के रूप में उभर रहा है। ज्यादातर मामलों में, हमने पाया है कि यातायात उल्लंघन को लेकर ई-चालान से बचने के लिए सिग्नल लाइट पर सीसीटीवी को चकमा के वास्ते यह किया जाता है।”

उन्होंने कहा,“मोटर वाहन अधिनियम (एमवीए) के तहत ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ एक दंडनीय अपराध है, जिसमें (एमवी) अधिनियम की धारा 192 (1) के अनुसार5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।” उन्होंने कहा,“झूठी नंबर प्लेटों और केवल अंकों/अक्षरों को हटाने के कुछ मामलों में, वाहनों को जब्त कर लिया जाता है और आपराधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।”

अधिकारी ने कहा,“अपवादजनक मामलों में जहां चुनाव ड्यूटी, रैलियां और सुरक्षा कर्मियों की आवाजाही जैसे आधिकारिक कर्तव्यों (निजी सहित) पर वाहनों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ की अनुमति दी जाती है। हर बार यह उल्लंघन ट्रैफिक मॉनिटरिंग गैजेट की नजर से बचने के लिए नहीं अपनाया जा रहा है, बल्कि नार्को-तस्करों, चोरों, झपटमारों, ईव-टीजर और अन्य अपराधियों द्वारा नंबर प्लेट के साथ छेड़छाड़ की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।”

जम्मू क्षेत्र के अधिकारियों ने यूनीवार्ता से बात करते हुए कहा कि ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ में शामिल सभी लोगों के पीछे कोई न कोई मकसद होता है। उन्होंने कहा,“कुछ युवा यातायात पुलिस से बचने के लिए और कुछ आपराधिक गतिविधियों में लिप्त होने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन दोनों ही मामलों में यह ऐसा अपराध है जिसके लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे उल्लंघनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए शीर्ष अधिकारियों द्वारा विशेष निर्देश जारी किए गए हैं , क्योंकि इसमें सुरक्षा को भी खतरा है। अधिकारियों ने कहा कि समय-समय पर उनके संबंधित अधिकार क्षेत्रों में विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं और इलाकों में खड़ी ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ वाली मोटरसाइकिलों पर मौके पर ही जुर्माना लगाया गया और कुछ को जब्त भी किया गया।

उन्होंने कहा,“नियमित यातायात उल्लंघनकर्ता भी ई-चालान से बचने के लिए नंबर प्लेटों में हेराफेरी करते पाए गए हैं, लेकिन उन्होंने ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। सड़कों पर फीकी/छेड़छाड़ की गई नंबर प्लेट वाली गाड़ी चलाना ऐसे पड़ोसियों के साथ रहने जैसा है, जिनकी कोई पहचान नहीं है। यह एक बड़ा सुरक्षा जोखिम है।” उन्होंने कहा कि बदमाश, अपहरणकर्ता और राष्ट्र-विरोधी/असामाजिक तत्व अपनी नकाबपोश पहचान के कारण जघन्य अपराध करने के लिए उस अंतर का फायदा उठा सकते हैं, जिस पर जम्मू-कश्मीर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। यातायात पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने यूनीवार्ता को बताया,“नंबर प्लेट मास्किंग’ के मामले सामने आ रहे हैं और उचित कार्रवाई भी की जा रही है।”

उन्होंने कहा,“कुछ मामलों में केवल जुर्माना लगाकर उल्लंघनकर्ताओं को छोड़ने के बजाय प्राथमिकी भी दर्ज की जा रही है और वाहनों को जब्त किया जा रहा है।”

जम्मू- कश्मीर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता शेख शकील अहमद ने यूनीवार्ता को बताया, “यह मुद्दा कभी भी न्यायालय के संज्ञान में नहीं आया है, और यह एक बहुत ही गंभीर मामला है। ‘नंबर प्लेट मास्किंग’ अपराधियों को इस रणनीति का उपयोग करने के लिए सीधे पहुंच प्रदान कर रही है, और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। जिला पुलिस अधिकारियों को यातायात पुलिस के साथ मिलकर एक आक्रामक अभियान शुरू करना चाहिए और लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता भी फैलानी चाहिए, क्योंकि समय पर कार्रवाई से बड़ी त्रासदियों को रोका जा सकता है।”

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