नयी दिल्ली, 10 नवंबर (वार्ता) दिल्ली हिंदू सिख ग्लोबल फोरम ने रविवार को कनाडा के एक मंदिर में हुई हालिया हिंसा की घटना के खिलाफ यहां स्थित कनाडा के दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया और वहां के राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर को ज्ञापन सौंपकर घटना में शामिल अपराधियों के खिलाफ तत्काल जांच और त्वरित कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन को प्रोफेसर हरजिंदर कौर, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर पीएस गोथरा, सरदार तजिंदर सिंह मारवाह, सरदार जितेंद्र सिंह संटी, सरदार चरणजीत लवली, प्रोफेसर पवनदीप सिंह खालसा और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस)सेवानिवृत्त अधिकारी गुरुदेव सिंह समेत अन्य ने संबोधित किया। प्रदर्शन में 300 से अधिक महिलाओं समेत सिख समुदाय के 1,200 से अधिक सदस्यों ने भाग लिया।
प्रदर्शनकारियों ने राजदूत को सौंपे गए ज्ञापन में चार नवंबर को कनाडा के ब्रैम्पटन में एक मंदिर के पास हुई हिंसा की निंदा की है और कहा है कि इस घटना ने दुनिया भर के हिंदू और सिख समुदायों में भय पैदा कर दिया है।
प्रदर्शनकारियों ने ज्ञापन में कनाडा में विभाजन पैदा करने वाले अलगाववादियों को लेकर चिंता व्यक्त की है। वहीं इसमें कनाडा की सरकार से इन चिंताओं को दूर करने और अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। सिख समुदाय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उसने हमेशा मंदिरों के निर्माण में योगदान दिया है और हिंदुओं और सिखों को विभाजित करने के उद्देश्य से वर्तमान आरोपों को सिख समुदाय द्वारा कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कनाडा के राजदूत से अल्पसंख्यक समुदायों के लिए सुरक्षा प्रदान करने और हिंदू मंदिरों, सिख गुरुद्वारों और समुदायों के लिए सुरक्षा उपायों को बढ़ाने का अनुरोध किया।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने 1675 में ‘जंजू’ पहनने के अधिकार की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी और जिन्हें ‘तिलक जंजू का रखवाला’ के रूप में सम्मानित किया जाता है, उन्होंने अपने इतिहास में एकता और सह-अस्तित्व पर जोर दिया। सिख गुरुओं, महाराजा रणजीत सिंह और अन्य ने अपने भक्तों और जनता के लिए मंदिर और गुरुद्वारे स्थापित करके सद्भाव को बढ़ावा दिया।