करगिल तालाब से मगरमच्छ का किया गया रेस्क्यू 

-वन एवं सोन घडिय़ाल की टीम ने किया रेस्क्यू

 

-महिला स्व सहायता समूह के मछली मारने के जाल में फंसा था मगरमच्छ

 

नवभारत न्यूज

सीधी 7 अक्टूबर ।शहर से करीब 10 किलोमीटर दूर करगिल के तालाब से आज वन विभाग एवं सोन घडिय़ाल की टीम ने मौके पर पहुंचकर मगरमच्छ का सुरक्षित रेस्क्यू किया। यह मगरमच्छ अभी छोटा था और उसकी लंबाई करीब डेढ़ फीट थी। महिला स्व सहायता समूह जिसके द्वारा करगिल तालाब में मछली पालन किया जा रहा है। आज सुबह समूह द्वारा जाल के माध्यम से तालाब से जाल के माध्यम से मछली निकलवाई जा रही थी। उसी दौरान जाल में छोटा मगरमच्छ भी फंस गया। जब समूह द्वारा तालाब के पानी से जाल को बाहर खिंचवाया जा रहा था तो किनारे आते ही छोटे मगरमच्छ के फंसने की जानकारी मिली। जिसके बाद फोन के माध्यम से वन विभाग सीधी के रेस्क्यू टीम प्रभारी पंकज मिश्रा को सूचना दी गई। श्री मिश्रा अपनी टीम एवं सोन घडिय़ाल टीम के साथ मौके पर पहुंचे और तालाब के किनारे जाल में उलझे हुए छोटे मगरमच्छ को काफी सावधानी के साथ बाहर निकाला। जाल से मगरमच्छ को निकालते वक्त इस बात का पूरा ध्यान रखा गया कि मगरमच्छ के मुंह जिसमें जाल फंसा हुआ था कोई क्षति न पहुंचे। मगरमच्छ के सुरक्षित रेस्क्यू होने के बाद वहां मौजूद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। वन विभाग रेस्क्यू टीम प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया कि नन्हा मगरमच्छ करीब दो वर्ष का है। बाद में वहां मौजूद मां काली स्व सहायता समूह करगिल की अध्यक्ष रामकली रजक ने बताया कि मगरमच्छ के तालाब में होने से उनकी पाली गई मछलियों की काफी क्षति हुई है। तीन हेक्टेयर के तालाब में अभी जुलाई महीने में 1 लाख का कर्ज लेकर मछली पालन के लिए समूह के माध्यम से बीज डाला गया था। लेकिन तालाब के अंदर मगरमच्छ के होने के कारण उनकी पाली गई मछलियां धीरे-धीरे करके मगरमच्छ का ग्रास बन रही थीं। जिसके चलते समूह को भारी क्षति पहुंची है इसके लिए शासन द्वारा उनके समूह को आर्थिक मदद जल्द से जल्द दिलाई जाए। इस आशय की फरियाद रेस्क्यू टीम से भी महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष द्वारा की गई। जिस पर उन्हें लिखा पढ़ी करने का सुझाव दिया गया। जिससे उनको जो क्षति पहुंची है उसकी मदद सरकार की ओर से की जा सके। उधर रेस्क्यू टीम द्वारा करगिल तालाब से छोटे मगरमच्छ को सुरक्षित ले जाकर सोन नदी के गऊघाट में छोंड़ दिया गया। जिससे वह सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य में सुरक्षित रूप से रह सके।

 

तालाब में और भी हैं छोटे मगरमच्छ –

 

करगिल तालाब में आज एक छोटे मगरमच्छ के मछली जाल में फंसकर बाहर आने पर मौके पर पहुंची वन एवं सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य की रेस्क्यू टीम को ग्रामीणों ने बताया कि तालाब के अंदर अभी अन्य छोटे मगरमच्छ भी हैं। कुछ लोगों ने दावा किया कि यहां तीन-चार मगरमच्छ देखे गए हैं। ऐसे में अभी तालाब के अंदर और भी छोटे मगरमच्छ मौजूद हैं। ग्रामीणों ने रेस्क्यू टीम से आग्रह किया कि तालाब में जाल लगाकर यहां मौजूद अन्य छोटे मगरमच्छों को पकड़ा जाए। यह मगरमच्छ आगे चलकर गांव के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है। जिस पर टीम द्वारा आश्वस्त किया गया कि जल्द ही वह ज्यादा संख्या में टीम के साथ आकर करगिल तालाब में मौजूद अन्य मगरमच्छों को भी पकडऩे की कवायद करेंगे। ग्रामीणों का कहना था कि समीपी नकटा नाला में मगरमच्छ दिखाई देते हैं। तालाब के समीपी ही शासकीय हाई स्कूल करगिल स्थित है। यहां पढऩे वाले कुछ बच्चों ने भी बताया कि उनके द्वारा भी तालाब के किनारे तीन-चार छोटे मगरमच्छों को बैठे हुए देखा गया था। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण मगरमच्छ के छोटे बच्चे वहां से पानी स्त्रोतों के माध्यम से समीपी करगिल तालाब तक पहुंच गए। इसके बाद उनके द्वारा तालाब को ही अपना स्थाई ठिकाना बना लिया गया है। आज करगिल तालाब से छोटे मगरमच्छ के पकड़े जाने के बाद भी यहां के ग्रामीणों में अभी अन्य मौजूद मगरमच्छों को लेकर काफी दहशत बनी हुई है।

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