दौसा 04 नवंबर (वार्ता) राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आगामी तेरह नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव को प्रदेश की राजनीति की दिशा एवं राज्य सरकार की जवाबदेही तय करने वाला चुनाव बताते हुए कहा है कि इसमें कांग्रेस और भाजपा के बीच विचारधारा की लड़ाई है और जिन्होंने आपस में लोगों को लड़ाया है उस इतिहास का आंकलन कर इसमें वोट करना है।
श्री पायलट सोमवार को दौसा जिले के कुंडल में दौसा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा के समर्थन में चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस उपचुनाव में कोई जातियों की लड़ाई नहीं है, यह लड़ाई विचारधारा की लड़ाई है। यह लड़ाई कांग्रेस और भाजपा की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि जातिगत आधार पर समर्थन मांगने वालों एवं जाति-धर्म की राजनीति करने वालों को इस चुनाव में सबक सिखाना है।
उन्होंने कहा कि पूरे देश और प्रदेश की निगाहें दौसा के उपचुनाव पर हैं। यहां गरीब घर से पैदा हुआ कांग्रेस प्रत्याशी दीनदयाल बैरवा चुनाव में बड़े बड़ों को चुनौती दे रहा हैं। श्री बैरवा लंबे समय से पार्टी के प्रति समर्पित होकर काम कर रहे हैं और वह कांग्रेस के मजबूत कार्यकर्ता हैं, जमीन से उठकर यहां तक पहुंचे हैं। ऐसे समर्पित प्रत्याशी को वोट करना चाहिए।
श्री पायलट ने कहा कि तेरह नवंबर को मतदान है। इसमें पूरा देश और प्रदेश जानना चाहता है कि दौसा के लोग किस विचारधारा के लोग हैं। यहां विचारधारा की लड़ाई है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि प्रदेश में भाजपा की सरकार है, मंत्री संतरी सब दबाव बनाकर चुनाव को प्रभावित करना चाहेंगे लेकिन श्री बैरवा सब पर भारी पड़ेंगे।
उन्होंने इस उपचुनाव को बहुत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि आज किसान पर संकट है इसकी जवाबदेही तय करनी है और सभी की सलाह पर श्री बैरवा को चुनाव लड़ाने का निर्णय किया गया है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसका प्रत्याशी 36 कौम के है। यह चुनाव प्रदेश की राजनीति की दिशा और सरकार की जवाबदेही तय करेंगे।