नयी दिल्ली 04 नवम्बर (वार्ता) प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान ने कहा है कि भारत बदलती भू राजनीतिक परिस्थितियों में अपनी जिम्मेदारियों को समझता है और दुनिया में विश्वसनीय भागीदार ‘विश्व-बंधु’ के रूप में कार्य करने का इच्छुक है।
जनरल अनिल चौहान ने 31 अक्टूबर से 03 नवंबर तक अल्जीरिया की आधिकारिक यात्रा पर एक उच्च स्तरीय भारतीय सैन्य प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में उन्होंने यह बात कही। यह यात्रा भारत-अल्जीरिया संबंधों को मजबूत करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा थी। हाल के वर्षों में विशेषकर व्यापार, शिक्षा, प्रौद्योगिकी और रक्षा के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ता देखा गया है।
एक महत्वपूर्ण कदम में, जनरल अनिल चौहान और उनके समकक्ष अल्जीरियाई सेना के प्रमुख जनरल सईद चनेग्रिहा ने भारत और अल्जीरिया के बीच रक्षा सहयोग में एक महत्वपूर्ण ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह ज्ञापन न केवल द्विपक्षीय सैन्य सहयोग में एक कदम आगे बढ़ने के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक सहयोग की नींव भी रखता है।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष अल्जीरिया की गौरवशाली क्रांति की 70वीं वर्षगांठ पर 01 नवंबर की सैन्य परेड और कार्यक्रमों में भी शामिल हुए।
जनरल चौहान ने हायर वॉर कॉलेज के निदेशक के साथ बातचीत की और वहां की सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित किया। उन्होंने समान मूल्यों और सिद्धांतों पर आधारित बंधन को बढ़ावा देते हुए दोनों देशों के साझा इतिहास को रेखांकित किया। प्रमुख रक्षा अध्यक्ष ने अपनी वैश्विक आकांक्षाओं में अल्जीरिया और भारत दोनों के भूगोल के लाभ पर प्रकाश डाला और कहा, “ किसी राष्ट्र का मुख्य रणनीतिक दृष्टिकोण उसके भूगोल और ऐतिहासिक अनुभव से आकार लेता है।”
उन्होंंने वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हुहए कहा, “ भारत हमेशा वैश्विक संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है। भारत ने अल्जीरिया में अपनी रक्षा विंग को फिर से स्थापित किया है और भारत में अल्जीरिया की रक्षा विंग को फिर से खोलने का स्वागत करता है।”
भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का अवलोकन देते हुए उन्होंने कहा, “ आज की जटिल भू-राजनीतिक संरचना में, भारत अपनी जिम्मेदारियों को समझता है और ‘विश्व-बंधु’ – दुनिया के लिए एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में शामिल होने की इच्छा रखता है।” उन्होंने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में समझौते और प्रौद्योगिकी विकास में भारत द्वारा उठाए गए प्रमुख कदमों पर प्रकाश डाला।
जनरल चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं और अल्जीरिया की सेना के साथ अपने अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ कार्यक्रमों के तहत भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया।