दिन दोगुनी रात चौगुनी हो रही संख्या
जबलपुर। शहर की सड़कों से लेकर चौराहों तक ऑटो व ई- रिक्शों का कब्जा बना हुआ है। इसकी छवि मॉडल रोड शास्त्री ब्रिज मार्ग, पुराने बस स्टैंड तीन पत्ती सड़क पर हर रोज देखने को मिल रही है। आड़े तिरछे खड़े यह ऑटो रिक्शे सड़कों पर जाम की समस्या रोज बढ़ा रहे हैं। मेडिकल अस्पताल के मुख्य गेट पर आलम यह है कि मरीजो को लेकर आने वाली एंबुलेंस भी आपातकालीन कक्ष तक पहुंचने में विफल साबित हो रही है। नाही ऑटो रिक्शॉ के खड़े होने की कोई जगह निश्चित है और ना ही कोई रूट निर्धारित है। जिसके चलते यातायात व्यवस्था बिगड़ रही है। और आम लोगों को रोज अपना कीमती समय गंवाना पड़ रहा है।
नहीं रहते वर्दी में
शहर में चल रहे ज्यादातर ऑटो एवं रिक्शों को चलाने वाले चालक अपनी ड्रेस में भी नहीं रहते है। और इनमें से सड़को पर फर्राटा भरने वाले कई चालक तो नाबालिक भी रहते है। शहर की सड़कों पर सैकड़ो ऑटो व ई-रिक्शा रफ्तार भरते हैं। इन चालकों का कोई निश्चित नियम नहीं है। सवारियों के हाथ देने पर वाहन चालक अचानक से ब्रेक लगा देते हैं। जिससे कई बार पीछे के वाहन टकरा जाते हैं और दुर्घटनाएं हो जाती हैं।
यहां सबसे ज्यादा आतंक
वैसे तो ऑटो रिक्शे पूरे शहर में छाए हुए हैं परन्तु रसल चौक, उच्च न्यायालय चौक, त्रिपुरी चौक, पिसनहारी मढिया, रद्दी चौकी व मदन महल स्टेशन रोड पर ऑटो व ई- रिक्शा की लंबी कतारे दिखाई देती हैं। अधिकांश स्थानों पर आड़े- तिरछे खड़े यह वाहन जाम की समस्या बढ़ा रहे हैं। तीन पत्ती चौराहे पर अक्सर इन से जाम लग जाता है। इलाहाबाद बैंक चौराहे पर सुरक्षाकर्मी होने के चलते वहां से इन को तितर-बितर कर दिया जाता है। चौराहों पर यह ऑटो यातायात व्यवस्था बिगाड़ रहे है। चालकों की मनमानी के चलते फुटपाथ से लेकर सड़कों व प्रमुख चौराहों पर ऑटो व ई-रिक्शा की लंबी कतारें दिखाई देती हैं।
इनका कहना है
ऑटो एवं रिक्शों के लिए व्यवस्थित प्लान बनाए जा रहे हैं और इन सबको तय रूटों पर ही चलवाया जाएगा।
प्रदीप शिंडे, एएसपी, यातायात पुलिस