दो से तीन माह में पूरी होगी ओएफके ब्लॉस्ट की जांच

विशेषज्ञों की निगरानी में मलबा हटाने की कार्यवाही शुरू, घटना स्थल चिन्हित

 

जबलपुर।  आयुध निर्माणी खमरिया (ओएफके) में विस्फोट के बाद  हॉई लेबल जाँच कमेटी की जांच शुरू हो गई। साथ ही घटना स्थल को भी चिन्हित कर लिया गया है। इसके साथ ही विशेषज्ञों की निगरानी में मलबा को हटाने की कार्यवाही शुरू हो गई है।  इसके बाद मिसाइलें किस स्थिति में उसे देखने के बाद आगे की कार्यवाही होगी और विशेषज्ञों की निगरानी में ही मिसाइलों को हटाने की कार्यवाही होगी। दरअसल प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई थी कि ध्वस्त बिल्डिंग में दो और पिकोरा रशियन बम दबें हुए हैं। जिसके चलते निर्माणी प्रशासन फूंक-फूंककर कदम रख रहा है।

विदित हो कि 22 अक्टूबर को आयुध निर्माणी खमरिया के सेक्शन एफ-6 के भवन क्रमांक 200 में विस्फोट हो गया था जहां पुराने पिचोरा बम को भाप से उबालने का कार्य किया जा रहा था। भवन क्रमांक 200  में 3 कर्मचारी कार्य कर रहे थे । विस्फोट के कारण बगल का भवन भी क्षतिग्रस्त हो गया था उसमें कार्य कर रहे कर्मचारी भी आंशिक रूप से घायल हो गए थे। हादसे में कर्मचारी एलेग्जेडंर टोप्पो की घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी, जबकि रणधीर कुमार की इलाज के दौरान मौत हुई थी। श्यामलाल ठाकुर 25 प्रतिशत बर्न घायल है। जिनका अभी भी उपचार निजी अस्पताल में चल रहा है। श्री श्यामलाल की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है एवं उनकी हालत स्थिर है ।  जबकि निर्माणी के घायल कर्मचारियों का पूर्व में डिस्चार्ज किया जा चुका है।

इन बिन्दुओं पर जांच

जांच लंबी चलेगी। बम कितने थे, कब आए थे, इनकी एक्सपायरी डेट क्या थी। क्या गलती हुई। घटना के समय कितने कर्मचारी थे। समेत अन्य बिन्दुओं पर तथ्यों के साथ जांच होगी।  हॉई लेबल जाँच कमेटी  महाप्रबंधक आरके गुप्ता की अध्यक्षता में वरिष्ठ अधिकारी सीपी फुलकर, उप महाप्रबंधक पंकज शर्मा कार्य प्रबंधक और कैलाश चंद सेफ्टी अधिकारी के साथ गठित की गई है।

चार -चार लाख का भुगतान

निर्माणी में प्रचलित कल्याकारी व्यवस्था के अतर्गत ओएफके के प्रत्येक कर्मचारियों की ओर से आर्थिक मदद प्रदान करने के लिए लगभग 8 लाख रुपये एकत्रित  किए गए है एवं प्रत्येक  मृतक कर्मचारियों के परिवार को लगभग 4 लाख रुपये का भुगतान किया गया। श्यामलाल ठाकुर इस दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुऐ थे उनके लिए 1,00,000 रुपये का मुआवजा भी प्रदान दिया गया है । इसके अलावा  निर्माणी कार्मिक एवं अधिकारी नें एक नई पहल करते हुए अपने घायल साथी के लिए 100 रूपयें प्रति कर्मचारी आर्थिक सहायता के रूप में एकत्र करने का निश्चय लिया है ।

जांच के बाद होगी आगे की कार्यवाही

मृतक के परिवारों को कम्पन्सेशन के लिए एम्प्लॉय  काम्पन्सेशन एक्ट 1923 (2017 में संशोधित)  के तहत मुआवजा बोर्ड ऑफ इक्वायरी की रिपोर्ट आने के बाद कार्यवाही की जाएगी। मृतक परिवारों को  पेंशन और मृत्यु ग्रेच्युटी प्रदान करने मामला प्रक्रियाधीन है ।

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