सब रजिस्टार बैढ़न का कारनामा आया सामने
नवभारत न्यूज
सिंगरौली 28 अक्टूबर। सब रजिस्टार बैढ़न के दफ्तर में नित्य नये कारनामों को लेकर विभाग एक बार फिर से चर्चाओं में आ गया है। झपरहवा रजिस्ट्री के मामले में उप पंजीयक पर बड़ी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। वही अब एक रजिस्ट्री में 75 लाख रूपये नगद भुगतान करने का मामला समने आया है।
दरअसल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 जून 2023 को ननि क्षेत्र सिंगरौली के वार्ड क्रमांक 45 की आराजी नम्बर 1297/1 (एस) कुल बिक्री रकवा 0.1400 हे., 2990/1/1 (एस)बिक्री करवा 0.1600 हे., 2990/1/2(एस) 0.0 800 हे., 1297/2(एस)0.0700 हे. एवं आराजी नम्बर 2990/2/1(एस) 0.0200 हे. कुल रकवा 5 किता बिक्रय रकवा 0.4700 हे.। जिन्हें विके्रता राधावती बैस, प्रदीप कुमार बैस, अखिलेश कुमार बैस, प्रेमसागर बैस, राजेन्द्र प्रसाद एवं मिरू प्रसाद ने उक्त आराजी को राधेश्याम पाटकर पिता संत गोपाल पाटकर को विक्रय किये जाने की रजिस्ट्री कराई गई थी। हालांकि उक्त रजिस्ट्री के मामले में क्रेता पर विके्रताओं ने धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है। वही रजिस्ट्री में प्रतिफल के रूप में कुल 75 लाख रूपये केश भुगतान दिखाया गया है। प्रतिफल के भुगतान में सभी कास्तकारों को अलग-अलग राशि आवश्यकतानुसार किश्तों में नगद के रूप में चुकता प्रतिफल उक्त क्रेता से प्राप्त करने उल्लेख है। जबकि सूत्र बताते हैं कि अधिकतम कैश भुगतान 10 हजार रूपये से अधिक नही है। यहां 75 लाख रूपये किश्तों में भुगतान प्रतिफल के रूप में दिखाया है। इसमें कितनी सच्चाई है। यह तो जांच का विषय है। लेकिन अब सवाल उठ रहा है कि लाखों रूपये भुगतान हो जा रहा है और इनकम टैक्स का अमला बेखबर है और उन्हें सब रजिस्टार दफ्तर में जाने के लिए फु र्सत ही नही है। यदि सूत्रों की बात माने तो उप पंजीयक के सबसे खास सेवा प्रदाता की एक नही कई इसी तरह के रजिस्ट्रियां लिखी है। यदि उक्त सेवा प्रदाता के द्वारा लिखी गई रजिस्ट्रियों की जांच पिछले चार वर्षो की करा दी जाए तो कई चौकाने वाले मामले सामने आ सकते हैं।