रायपुर, 25 अक्टूबर (वार्ता) राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मु ने शुक्रवार को उम्मीद जताई कि एम्स से उत्तीर्ण चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल छात्र इस जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी तन्मयता और क्षमता के साथ करेंगे।
श्रीमती मुर्मु आज यहां एम्स के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए यह विचार व्यक्त किये। उन्होंने इस अवसर पर एम्स संस्थान के 10 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक एवं पदोपाधि तथा 514 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मेडिकल प्रोफेशनल का कार्य अत्यंत जिम्मेदारी भरा होता है, उनके निर्णय जीवन रक्षा से जुड़े होते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां से उत्तीर्ण चिकित्सक एवं पैरा मेडिकल छात्र इस जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी तन्मयता और क्षमता के साथ करेंगे। उन्होंने उपाधि एवं पदोपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देेते हुए उनके स्वर्णिम भविष्य की कामना की।
राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि जब आप सबने मेडिकल को अपना कार्यक्षेत्र चुना होगा, तो आपके मन में दया और संवेदना का भाव रहा होगा। आपको यह हमेशा याद रखना होगा कि दया, करूणा, संवेदना मानवीय मूल्य को मजबूत बनाते हैं। इसलिए हमेशा अपने कार्य क्षेत्र में इन जीवन मूल्यों के साथ कार्य करें।
श्रीमती मुर्मु ने कहा कि भारत सरकार देश के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने के लिए प्रयास कर रही है। पिछले एक दशक में देशवासियों को यूनिवर्सल हेल्थ कार्ड प्रदान करने के लिए अनेक कदम उठाए गए। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बड़ी संख्या में नागरिक लाभान्वित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री जन औषधि योजना से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाई उपलब्ध हो रही है। पिछले 10 वर्षों में मेडिकल कॉलेज, एमबीबीएस और पीजी की सीटों में भी बढ़ोतरी हुई है। नए एम्स भी स्थापित किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि एम्स रायपुर उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ कुपोषण को दूर करने तथा सिकलसेल क्लिनिक का संचालन कर रहा है। उन्होंने कहा कि आधुनिकतम टेक्नोलॉजी का उपयोग जनकल्याण के लिए किया जाना चाहिए। एम्स रायपुर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, चलित क्लीनिकल डिसीज और सपोर्ट सिस्टम पर भी कार्य कर रहा है। इससे दूर दराज के क्षेत्र के डॉक्टरों को आपातकालीन स्थितियों में रियल टाइम मदद तथा सामुदायिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। हमने वर्ष 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। आपके कार्य विकसित राष्ट्र बनाने में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर सभी स्नातक छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं और उनके सफल करियर की कामना की। उन्हाेंने कहा कि आज से आप, लोगों के लिए आशा की किरण होंगे। उन्होंने एम्स रायपुर की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संस्थान ने छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा और चिकित्सा शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त की है। एम्स रायपुर का 2024 में राष्ट्रीय रैंकिंग में 38वां स्थान प्राप्त करना इसकी एक मिसाल है। इस संस्थान ने छत्तीसगढ़, ओडिशा और मध्य प्रदेश के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लाने का कार्य किया है। कोविड-19 महामारी के दौरान यहां के मरीजों को मिले उच्च-स्तरीय स्वास्थ्य सेवाओं की भी उन्होंने प्रशंसा की। राज्यपाल ने आयुष्मान भारत योजना जैसी योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की सराहना की और कहा कि इस योजना ने संस्थान की गरिमा को और बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का छत्तीसगढ़ की तीन करोड़ जनता की ओर से स्वागत करते हुए कहा कि यह गौरव की बात है कि इस आदिवासी प्रदेश में स्थित मेडिकल और इंजीनियरिंग संस्थाओं की प्रतिभाएं आपकी उपस्थिति में दीक्षा पूरी कर रही है। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ में देश की लगभग सभी ख्यातनाम संस्थाएं स्थित हैं। ये संस्थाएं राज्य के भविष्य को रास्ता दिखाने वाली मशालें हैं। इनमें से ज्यादातर संस्थाएं यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की रूचि और पहल पर छत्तीसगढ़ को मिली हैं। एम्स रायपुर छत्तीसगढ़ के साथ-साथ महाराष्ट्र और ओडिशा के लोगों के लिए भी वरदान है। इस संस्थान ने अपनी व्यवस्था और विशेषज्ञता के लिए पूरे देश में नाम कमाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना हमारी प्राथमिकता है। राज्य में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की भर्तियां बड़े पैमाने पर की जा रही हैं। अस्पताल भवनों को बेहतर बनाया जा रहा है। आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था भी की जा रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर और सिम्स बिलासपुर में भवन विस्तार तथा सुविधाओं का विकास शुरू कर दिया गया है। प्रदेश के चार नये मेडिकल कॉलेजों के भवनों के निर्माण के लिए 1020 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान कर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ में एमबीबीएस की पढ़ाई हिन्दी में भी कराने का निर्णय लिया है, इससे विशेष रूप ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के बच्चों के लिए मेडिकल शिक्षा के अवसर बढ़ेंगे। छत्तीसगढ़ को मध्य भारत का मेडिकल हब बनाने में अपना योगदान देने के लिए हमारे शासकीय अस्पताल भी पूरी तरह तैयार हैं। हम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं और सुविधाओं को दुर्गम क्षेत्रों के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, एम्स रायपुर के अध्यक्ष प्रो. जॉर्ज ए डिसूजा, एम्स के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक कुमार जिंदल सहित एम्स रायपुर के चिकित्सक एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।