० आरईएस अग्निकाण्ड की बिना राजनैतिक एवं आर्थिक दबाव के निष्पक्ष जांच हुई तो दोषी की संविदा समाप्त होने के साथ दर्ज हो सकता है मामला
सीधी 22 अक्टूबर। आरईएस में लगी आग की जांच ठंडे बस्ते में कैद हो गई है। आरईएस अग्निकांड की बिना राजनैतिक एवं आर्थिक दबाव के निष्पक्ष जांच हुई तो दोषी की संविदा समाप्त होने के साथ मामला भी दर्ज हो सकता है।
बताते चलें कि अभी सितम्बर महीने के अंतिम सप्ताह में जिला पंचायत सीधी के सीईओ के निर्देश पर आरईएस विभाग सीधी के प्रभारी लेखापाल के पद से हटाये गये संविदा कम्प्यूटर आपरेटर नीलेश पाण्डेय ने प्रभार देने से पहले संदिग्ध रिकार्डों को आग के हवाले कर लीपापोती के प्रयास किये थे। विभाग में चर्चाओं के अनुसार घोटाले के साक्ष्य नष्ट करने के लिये रिकार्डों में आग लगाया गया था। करोड़ो का भ्रष्टाचार सामने आने के बाद प्रथम दृष्टया जांच में दोषी मिले तत्कालीन ईई हिमांशु तिवारी समेत दो प्रभारी एसडीओ निलंबित कर दिये गये थे।
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कार्यालय के महत्वपूर्ण कागजों में लगाई गई आग
आरईएस सीधी में भ्रष्टाचार का मामला तूल पकडऩे पर विभाग के तत्कालीन ईई एवं दो प्रभारी एसडीओ के निलंबन के बाद भ्रष्टाचार में सहभागी रहे संविदा कम्प्यूटर आपरेटर नीलेश पाण्डेय पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती थी। लिहाजा संविदा कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा घोटालों से संबंधित रिकार्डों को सुनियोजित तरीके से कार्यालय के बगल में ही रखवाते हुये आग के हवाले करा दिया गया। रिकार्डों में आग लगने की जानकारी विभाग के बड़े अधिकारियों के पास पहुंचने पर जांच तो शुरू हुई लेकिन आग नहीं बढ़ रही है।
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आरईएस सीधी में लगी आग की लपटें भोपाल तक पहुंची
आरईएस सीधी कार्यालय के रिकार्डों को आग के हवाले करने की लपटे भोपाल तक पहुंची। लिहाजा इस मामले में प्रदेश कांग्रेस ने भी कड़ा रुख अपनाते हुये अपने एक्स पोस्ट में रिकार्डों को जलाने का वीडियो पोस्ट करके कहा कि म.प्र. की भाजपा सरकार ने पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार के तरीके को बहुत अपग्रेड कर दिया है। मसलन करोड़ों के घोटाले करों और रिकार्ड जला दो। ताजा मामला आरईएस विभाग सीधी का है। जहां करोड़ों के घोटालों की फाईलों में आग लगा दी गई।
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इनका कहना है
आरईएस विभाग सीधी में आग लगाने मामले की जांच पूरी हो गई है। जांच प्रतिवेदन भोपाल भेज दिया गया है जल्द ही अग्रिम कार्यवाही की जायेगी।
अतुल चतुर्वेदी, अधीक्षण यंत्री, आरईएस विभाग सीधी
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