सहकारी समिति में लग रही कतारें, प्राइवेट में मांग रहे अधिक दाम
नवभारत, जबलपुर। फसलों की अच्छी पैदावार के लिए किसानों को खाद, डीएपी आदि की अधिक जरूरत पड़ती है। जिसके लिए अच्छी गुणवत्ता वाली फसल का उत्पादन किसान कर पाएं। वहीं सहकारी समितियां द्वारा किसानों को मिलने वाली खाद, डीएपी यूरिया आदि के लिए अब किसानों को लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। परंतु उसके बावजूद भी पर्याप्त मात्रा में खाद किसानों को नहीं मिल पा रही है। जिसके कारण किसान काफी चिंतित है, वहीं प्राइवेट कृषि फर्म में जो खाद, यूरिया और डीएपी मिल रही है, उसके लिए व्यापारी अधिक दाम मांग रहे हैं। जिसके चलते किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मजबूरी में प्राइवेट से खरीदना पड़ रहा
किसानों ने बताया कि डीएपी और यूरिया आदि के लिए सहकारी समितियां में लंबी कतारें लग रही हैं उसमें भी पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल पा रही है। जिस किसान को अगर 10 बोरी खाद की जरूरत है तो उसे तीन या चार बोरी ही खाद दी जा रही है। जिसके कारण किसान प्राइवेट रूप से खाद खरीदने को मजबूर हैं। जहां पर उन्हें उसी खाद का अधिक मूल्य देना पड़ रहा है।
पूर्ति करने कम मात्रा में दे रहे खाद
इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि 10 एकड़ किसान को 10 बोरी खाद की जरूरत पड़ती है परंतु और भी किसानों को खाद की पूर्ति करने के लिए उन्हें अलग-अलग प्रकार की खाद दी जा रही है। जिसके चलते उनको पर्याप्त मात्रा में खाद मिल जाती है और किसानों को उसकी पूर्ति भी हो जाती है। जिसमें अगर किसी किसान को 10 डीएपी की जरूरत है तो उसे 5 डीएपी और पांच एमपीएल दे रहे हैं या इसके अलावा नैनो यूरिया आदि खाद दे दी जाती है,जिससे किसान परेशान ना हों।
इनका कहना है
खाद का 70 प्रतिशत कोटा सरकारी और 30 प्रतिशत प्राइवेट को मिलता है। जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद्य है और किसानों को भी उसकी पूर्ति की जा रही है। हाल ही में नया रैक अभी-अभी कछपुरा गोदाम में उतरा है, सभी केंद्रों पर समय में खाद पहुंचने से किसानों को खाद मिल जाएगी।
एस के निगम
उपसंचालक किसान कल्याण तथा कृषि विकास