सुनिल योगी
बागली: बेहरी मुख्यालय सहित क्षेत्र के नयापुरा छतरपुरा एवं किसान बाहुल्य स्थानों पर पर दशहरा पर्व के बाद 5 दिनों तक परंपरा अनुसार गरबी महोत्सव का आयोजन किया गया इस दौरान बेहरी में कात्यानी देवी मंदिर परिसर के सामने गरीबी स्थापना कर पांच दिवस तक गरबा करते हुए आराधना एवं पूजा की मान्यता है कि यह परंपरा क्षेत्र की खुशहाली के लिए और बेहतर उत्पादन के लिए संपन्न की जाती हे इस दौरान दुग्ध उत्पादक किसान दूध का उपयोग घर में और विक्रय करने में नहीं करते हैं आखिरी दिन शाम को दूध से बने घी और दूध की पूजा करते हुए छट तिथि से फिर से उपयोग शुरू कर दीया हैं।
शुक्रवार को बेहरी स्थित खेड़ापति मंदिर में हवन यज्ञ संपन्न करते हुए समीप की गुनेरी नदी में विधि विधान से गरीबी का विसर्जन किया गया। इस दौरान गांव के वरिष्ठ किसान विशेष रूप से शामिल हुए संयोगों से इस बार गुनेरी नदी में पर्याप्त पानी होने से विसर्जन प्रक्रिया बहुत उचित तरीके से हो गई। विसर्जन के पूर्व गरबी श्रद्धापूर्वक सर पर रखते हुए जुलूस के रूप में पूरे गांव से निकलकर खेड़ापति मंदिर तक ले जाया गया इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण जन शामिल रहे।