नशे की फैक्ट्री के लिए फंडिंग करने वालों की जांच में जुटी एनसीबी 

भोपाल पुलिस कर रही सभी फैक्ट्रियों की सर्चिंग

फैक्ट्री में मिले भांग से भरे ड्रम, लायसेंस की जांच

भोपाल, 9 अक्टूबर. कटारा हिल्स के बगरौदा स्थित औद्योगिक क्षेत्र में नशे की फैक्ट्री खोलने के लिए किन लोगों ने फंडिंग की थी, इसको लेकर एनसीबी जांच कर रही है. प्रारंभिक जांच-पड़ताल में पता चला है कि फैक्ट्री खोलने के लिए मंदसौर से गिरफ्तार हरीश आंजना ने करीब पचास लाख रुपये उपलब्ध कराए थे. उसे यह काम किसने दिया था, इसको लेकर जांच की जा रही है. इधर भोपाल पुलिस द्वारा सभी फैक्ट्रियों की सर्चिंग जारी है. बुधवार को एक दवाई फैक्ट्री में सर्चिंग के दौरान पुलिस को भांग से भरे हुए ड्रम में मिले. एटीएस गुजरात और एनसीबी दिल्ली की संयुक्त टीम ने कटारा हिल्स स्थित एक फैक्ट्री पर छापा मारा था, जहां से 1814 करोड़ रुपये कीमत की एमडी ड्रग जब्त हुई थी. इस मामले में फैक्ट्री संचालक अमित चतुर्वेदी और महाराष्ट्र निवासी सान्याल बाने को गिरफ्तार किया गया था. दोनों आरोपियों के मुखिया हरीश आंजना को मंदसौर से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ में पता चला कि इस ड्रग का कारोबार हरीश आंजना ने ही शुरू करवाया था. पांच साल पहले पकड़ाया था हरीश हरीश आंजना पांच साल पहले डोडा चूरा की तस्करी में पकड़ा गया था. उसके बाद उसने राजनीति लोगों के साथ उठना-बैठना शुरू किया और चरस और गांजे की तस्करी करने लगा. बाद में उसकी पहचान राजस्थान के कुख्यात ड्रग दस्कर शोएब लाला से हुई. शोएब के कहने पर ही हरीश ने भोपाल में नशे की फैक्ट्री खोलने के लिए सान्याल बाने से मुलाकात की थी. सान्याल जेल से बाहर आया और भोपाल के अमित चतुर्वेदी से संपर्क किया. उसने हरीश के कहने पर भोपाल में आउटर एरिया में फैक्ट्री के लिए जगह तलाशने का बोला था. अमित ने फैक्ट्री किराए पर ली, जिसके लिए हरीश ने फंडिंग की थी. गुजरात से सप्लाई होता था कच्चा माल बताया जाता है कि हरीश के माध्यम से ड्रग बनाने के लिए कच्चा माल गुजरात से सप्लाई किया जाता है. फैक्ट्री में बनने वाली ड्रग की कुछ खेप हरीश के पास मंदसौर भेजी गई थी, जहां से उसने आगे कहीं सप्लाई कर दिया. पुलिस उसके मंदसौर और राजस्थान कनेक्शन की जांच कर रही है. बताया जाता है कि हरीश भोपाल के ड्रग फैक्ट्री का हब बनाना चाहता था. उसके साथ और कौन लोग शामिल हैं, इसका पता लगाया जा रहा है. भांग से बनाई जाती है दवाई कटारा हिल्स पुलिस ने बुधवार को औद्योगिक क्षेत्र की एक फैक्ट्री पर सर्चिंग की कार्रवाई की. सर्चिंग के दौरान फैक्ट्री से प्लास्टिक के ड्रमों में भांग के पैकेट्स मिले. जांच के दौरान पता चला कि इस भांग से दवाई बनाई जाती है, जिसका लायसेंस फैक्ट्री संचालक के पास है. इतना नहीं, जितनी भांग फैक्ट्री में रखी मिली, उसके कई गुना ज्यादा रखने की अनुमति थी. पुलिस टीमें बाकी फैक्ट्रियों की भी सर्चिंग कर रही है. सर्चिंग के दौरान गड़बड़ी मिलने पर पुलिस फैक्ट्री संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करेगी.

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