मुंबई 09 अक्टूबर (वार्ता) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए पूंजी जुटाने के अवसरों पर एक चर्चा पत्र जारी करेगा।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए कहा कि बैंकिंग विनियमन (संशोधन) अधिनियम, 2020 के साथ सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों (यूसीबी) के लिए शेयर पूंजी और प्रतिभूतियों के निर्गम और विनियमन पर दिशा-निर्देशों का प्रारंभिक सेट 2022 में जारी किया गया था। हालांकि इन दिशा-निर्देशों में विशेष शेयरों के निर्गम और प्रीमियम पर शेयरों के निर्गम जैसे नए सक्षम पूंजी संबंधी प्रावधानों को शामिल नहीं किया गया, जो सहकारी बैंकिंग क्षेत्र के लिए नए हैं।
श्री दास ने कहा कि आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर एन. एस. विश्वनाथन की अध्यक्षता में प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों पर विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट ने इन प्रावधानों पर अपनी सिफारिशों के माध्यम से व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांत प्रदान किए हैं। नए सक्षम पूंजी संबंधी प्रावधानों पर विशेषज्ञ समिति की व्यापक सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए आरबीआई में एक कार्य समूह का गठन किया गया है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कार्य समूह की सिफारिशों के आधार पर प्राथमिक (शहरी) सहकारी बैंकों के लिए पूंजी जुटाने के अवसरों पर एक चर्चा पत्र जारी किया जाएगा ताकि हितधारकों से फीडबैक और सुझाव प्राप्त किए जा सकें।