नयी दिल्ली 08 अक्टूबर (वार्ता) इलेक्ट्रिक बस ब्रांड न्यूगो ने कश्मीर से कन्याकुमारी (ई-के2के) तक इलेक्ट्रिक बस यात्रा अभियान पर निकली ई बस मंगलवार को राजधानी दिल्ली से रवाना हुयी जो चार हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी।
कंपनी ने यहां कहा कि यह ऐतिहासिक सफर देश में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है,और इस यात्रा के साथ न्यूगो दुनिया का पहला इलेक्ट्रिक बस ब्रांड बनने जा रहा है जो 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगा। इस यात्रा के दौरान बस 3,500 फीट की ऊंचाई से लेकर समुद्र तट तक 200 से अधिक शहरों और कस्बों से गुजरेगी, जिससे यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरणीय स्थिरता का संदेश फैलाएगी। इस अभियान में जयपुर, हैदराबाद, भोपाल और बेंगलुरू जैसे शहरों में छात्रों के लिए वर्कशॉप, वृक्षारोपण अभियान, स्वच्छता पहलों और सुरक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटकों जैसी कई गतिविधियाँ भी शामिल होंगी।
जम्मू में 4 अक्टूबर को इस यात्रा की शुरुआत जम्मू स्मार्ट सिटी के सीईओ और जेएमसी के कमिश्नर डॉ. देवांश यादव ने की। इसके बाद, दिल्ली-एनसीआर से इन बसों को हरी झंडी दिखाने के लिए गाज़ियाबाद में न्यूगो डिपो हब पर कई प्रतिष्ठित मेहमान एकत्रित हुए। इस ऐतिहासिक सफर के शुरुआती पलों का साक्षी बनने के लिए नीति आयोग के सलाहकार सुधेंदु जे. सिन्हा, वर्ल्ड बैंक के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. संजीव के. लोहिया, सीईएसएल की पूर्व-एमडी महुआ आचार्य, एनएचईवी प्रोजेक्ट के डायरेक्टर अभिजीत सिन्हा और आईसीसीटी इंडिया के एमडी अमित भट्ट भी मौजूद थे।
ग्रीनसेल मोबिलिटी के सीईओ और एमडी देवेंद्र चावला ने भारत में स्वच्छ और पर्यावरण की सुरक्षा करने वाले साधनों की आवश्यकता पर जोर देते हुये कहा, “ न्यूगो की महत्वाकांक्षी ई-के2के यात्रा कश्मीर से कन्याकुमारी तक 4,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। इस यात्रा से इन इलेक्ट्रिक बसों की क्षमता और भारत के विभिन्न क्षेत्रों में इनकी अनुकूलता का प्रदर्शन होगा। यह यात्रा केवल रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यावरण संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।”
उन्होंने कहा कि इस सफर में न्यूगो की इलेक्ट्रिक बसें हरी-भरी घाटियों और वादियों से लेकर भीड़-भरे शहरों तक गुजरेंगी, जिससे यात्रियों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता का अनुभव मिलेगा। इस यात्रा का मकसद देश के अलग-अलग हिस्सों में इन बसों की आसानी से चलने की क्षमता को दिखाना है। जैसे-जैसे यह यात्रा आगे बढ़ेगी, यह बसें विभिन्न समुदायों को प्रेरित करेंगी और लोगों के बीच इलेक्ट्रिक बसों के फायदे और स्वच्छ परिवहन के साधनों को अपनाने के प्रति जागरूकता फैलाएंगी।