भिंड: चंबल नदी पर पहले पुल नहीं होने से उसे पार करने के लिए ऊंट की मदद ली जाती रही थी। यहां से लोग उत्तर प्रदेश आते जाते थे। पर्यटन विभाग के कैलेंडर में अटेर शामिल होने के चलते यहां ऊंट सफारी का प्रस्ताव शासन को भेजा था। अब नवंबर माह से पर्यटक इस तरह नदी के किनारे सफारी का लुत्फ उठा सकेंगे। दूर-दूर तक फैली रेत, कल-कल करता चंबल का पानी, तेज हवा के झोंके का आनंद पर्यटक कैंपिंग करके ले सकेंगे।
पर्यटन विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी है। वन विभाग की देखरेख में इसको विकसित किया जाएगा। वन मंडलाधिकारी ने बताया कि नवंबर माह से नदी किनारे सफारी शुरू कराए जाने की योजना है। जिले की अटेर तहसील में चंबल नदी किनारे ऐतिहासिक किले के पास ऊंट सफारी शुरू कराए जाने को लेकर जगह चिह्नित की गई है। ऊंट सफारी के साथ-साथ यहां खाने-पीने की चीजों के स्टाल भी लगाए जाएंगे। इस सफारी में सैलानी रात के समय चंबल नदी किनारे रुक कर प्रकृति का आनंद ले सकेंगे।