ग्वालियर: माधव प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान ग्वालियर के सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रासायनिक अभियांत्रिकी विभाग द्वारा भारतीय संविधान और पारंपरिक ज्ञानपर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 320 छात्रों ने भाग लिया।कार्यशाला में मुख्य वक्ताओं के रूप में डॉ. शारिब ज़ेया, सहायक प्रोफेसर, अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, भोपाल, और डॉ. सुषमा शर्मा, एसोसिएट प्रोफेसर, नेशनल लॉ इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी, भोपाल ने अपने विचार साझा किए।
डॉ. शारिब ज़ेया ने भारतीय संविधान और देश की पारंपरिक ज्ञान की धरोहर के बीच के संबंधों पर गहन जानकारी प्रदान की। उन्होंने अपने सत्रों में मुंशी प्रेमचंद की कहानियों पंच परमेश्वर, रिचर्ड पार्कर केस और सआदत हसन मंटो की नया कानून जैसी साहित्यिक और कानूनी मिसालों से उदाहरण प्रस्तुत किए, जिससे उनके विचारों को और अधिक व्यावहारिक और रोचक बनाया गया। उनकी प्रस्तुति को सभी ने अत्यधिक सराहा।डॉ. सुषमा शर्मा ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, भारतीय संविधान में जीवन के अधिकार, आईटी अधिनियम 2000 और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम 2023 पर अपने विचार रखे। इन विषयों पर उनके सत्रों को प्रतिभागियों ने अत्यधिक ज्ञानवर्धक और सराहनीय पाया।