नई शिक्षा व्यवस्था ने दर्जनों विद्यार्थियों की बढ़ाई मुसीबतें

परीक्षा में असफल विद्यार्थियों का नामांकन नम्बर पोर्टल में लॉक, परीक्षा आवेदन पत्र भरने में दिक्कतें, कालेज प्रबंधन ने नियमों का हवाला देकर हांथ किये खड़े

सीधी :कॉलेजों में नई शिक्षा व्यवस्था 2022 के लागू हो जाने से पुराने पाठ्यक्रम के परीक्षा में असफल विद्यार्थियों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। उनका नामांकन नम्बर लॉक हो जाने से पोर्टल में नहीं खुल रहा है जिस वजह से उन्हें परीक्षा में बैठने का अवसर भी नहीं मिल पा रहा है।तत्संबंध में दर्जनों विद्यार्थियों ने अपनी समस्या को बताते हुये कहा कि आरंभ में वह कॉलेज में प्रवेश को लेकर भटकते रहे। प्रभारी प्राचार्य द्वारा इस संबंध में कुछ रास्ता निकालने का आश्वासन दिया जाता रहा है। महीनों बाद भी कोई रास्ता सामने नहीं आया और इसी दौरान परीक्षा आवेदन पत्र पोर्टल के माध्यम से भरे जाने लगे। इस पर विद्यार्थी फिर से प्रभारी प्राचार्य से मिले तो उन्हें साफतौर पर बताया गया कि कालेज स्तर से उनकी कोई मदद नहीं हो सकती।

यह अवश्य है कि सभी प्रभावित छात्र अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा जाएं और अपनी समस्या की जानकारी दें। विश्वविद्यालय स्तर से प्रभावित छात्रों को प्रायवेट परीक्षार्थी के रूप में बैठाने की व्यवस्था बन जायेगी। छात्र-छात्राओं का कहना था कि नई शिक्षा व्यवस्था लागू हो जाने से काफी संख्या में विद्यार्थी प्रभावित हो रहे हैं। उनके द्वारा कॉलेज में नियमित छात्र के रूप में प्रवेश लिया गया था अब उन्हें भूतपूर्व छात्र के रूप में परीक्षा देने की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। जिसके चलते दर्जनों विद्यार्थियों का स्नातक कक्षा को पास करने पर ही संशय की स्थिति निर्मित हो गई है। उधर कुछ छात्र-छात्राओं का कहना था कि कॉलेज के समीप स्थित एक कम्प्यूटर सेन्टर के संचालक द्वारा जो कि संजय गांधी महाविद्यालय से जुड़ा हुआ है उसके द्वारा कई विद्यार्थियों से 1600 रूपये लेकर नया नामांकन विश्वविद्यालय से करा दिया गया है।

अब ऐसे विद्यार्थी नये नामांकन नम्बर से आसानी के साथ प्रायवेट परीक्षार्थी के रूप में परीक्षा दे सकते हैं। कुछ छात्रों में यह विकल्प सामने आने पर संतोष था तो कुछ में काफी नाराजगी व्याप्त है। छात्र-छात्राओं का कहना था कि जो विद्यार्थी स्नातक कक्षा के अंतिम वर्ष में असफल हो गये हैं उनके लिये शासन स्तर से फिर से समय नहीं दिया गया। जिसके चलते पूरे समय तक विद्यार्थी परीक्षा में बैठने का विकल्प मिलने के लिये सीधी कॉलेज से लेकर यूनिवर्सिटी तक चक्कर काटते रहे। अब परीक्षा आवेदन पत्र भरने के अंतिम समय में नया नामांकन कराकर परीक्षा आवेदन प्रायवेट के रूप में भरने का रास्ता निकला है। ऐसे में स्वाभाविक है कि छात्र-छात्राओं को पढऩे के लिये भी समय काफी कम रह गया है। शासन की नई शिक्षा व्यवस्था की भेंट स्नातक कक्षा के पढ़ाई में कमजोर रहे विद्यार्थियों को चढऩा पड़ रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा यदि समय रहे छात्र-छात्राओं को सही स्थिति से अवगत करा दिया जाता तो पढऩे का पर्याप्त अवसर भी मिल जाता। यह माना जा रहा है कि प्रायवेट परीक्षा देने पर भी कई छात्र-छात्राएं अपने उत्तीर्ण होने को लेकर काफी संशय में हैं।

पुराने पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को दो आप्शन: प्राचार्य
संजय गांधी स्मृति स्वशासी महाविद्यालय सीधी के प्रभारी प्राचार्य डॉ.पी.के.सिंह ने चर्चा के दौरान बताया कि नई शिक्षा व्यवस्था 2022 के लागू हो जाने के बाद से पुराने पाठ्यक्रम के स्नातक कक्षा के विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने के लिये क्रमश: एक-एक साल का समय मिलता रहा है। इस वर्ष स्नातक फाइनल वर्ष में अध्ययनरत पुराने पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों का अंतिम बैच है। पुराने पाठ्यक्रम के करीब 25-30 विद्यार्थी परीक्षा किन्ही कारणों से उत्तीर्ण नहीं कर सके हैं। ऐसे में इन विद्यार्थियों के समक्ष केवल दो आप्शन हैं। प्रथम आप्शन यह है कि जो विद्यार्थी फाइनल वर्ष की परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर पाये हैं वह नियमित विद्यार्थी के रूप में फिर से प्रथम वर्ष में प्रवेश लेकर आगे की परीक्षा दें। दूसरा आप्शन यह है कि अनुत्तीर्ण विद्यार्थी एपीएस यूनिवर्सिटी से संपर्क कर प्राइवेट परीक्षार्थी के रूप में अपना आवेदन करके परीक्षा दें। मप्र शासन उच्च शिक्षा विभाग के उक्त आदेश के संबंध में कालेज में नोटिस भी चस्पा कर दी गई है।

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