भोपाल, 05 अक्टूबर (वार्ता) रानी दुर्गावती की जयंती पर आज उनकी जन्मस्थली मध्यप्रदेश के दमोह जिले के सिंग्रामपुर में होने वाली मंत्रिपरिषद् की बैठक के पहले मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन सिंग्रामपुर के लिए अभूतपूर्व होगा।
रानी दुर्गावती के सिंहासन कक्ष से प्रेरित इस पहली ओपन-एयर कैबिनेट बैठक के पूर्व डॉ यादव ने कहा कि राज्य शासन द्वारा मातृ शक्ति को पूर्ण सम्मान देते हुए स्वतंत्रता संग्राम, सुशासन, साहस जैसे क्षेत्रों में राष्ट्र के लिये योगदान के साथ प्राणोत्सर्ग करने वाली वीरांगनाओं, शासिकाओं की स्मृति को स्थायी बनाये रखने के लिये विविध प्रयास किए जा रहे हैं। पहले इंदौर में लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जयन्ती समारोह पूर्वक मनाई गई। अब रानी दुर्गावती के सम्मान में मंत्रि-परिषद की बैठक दमोह के सिंग्रामपुर में उनकी जयंती पर की जा रही है। आज का दिन सिंग्रामपुर के लिए अभूतपूर्व होगा।
मुख्यमंत्री डॉ यादव के साथ पूरा मंत्री मण्डल और उच्च प्रशासनिक अमला आज का दिन दमोह के सिंग्रामपुर में बितायेंगे। यहां कैबिनेट बैठक के साथ सभी मंत्रीगण विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे।
सिंग्रामपुर में इसके साथ ही प्रदेश की लाड़ली बहना योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की हितग्राही बहनों के खाते में अनुदान राशि का अंतरण भी होगा। साथ ही विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमि-पूजन किया जाएगा। ग्राम हरदुआ जामशा विकासखंड बटियागढ़ के उत्कृष्ट विद्यार्थियों का सम्मान किया जाएगा। कैबिनेट के सदस्य सिंगौरगढ़ किला, निदानकुण्ड जल प्रपात और प्राचीन दुर्गा माता मंदिर का भ्रमण करेंगे।
रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती के उपलक्ष्य में, सिंग्रामपुर में भव्य ओपन-एयर कैबिनेट बैठक होगी, जो रानी दुर्गावती के सुशासन, उनकी कार्यकुशलता और महिलाओं के सशक्तिकरण से प्रेरित है। इस बैठक का डिज़ाइन रानी दुर्गावती के किले की भव्यता को प्रतिबिंबित करता है, जिसमें एक किला-नुमा प्रवेश द्वार और शिव मंदिर भी शामिल हैं। यह पहली बार है जब कैबिनेट की बैठक एक खुले क्षेत्र (ओपन एरिया) में आयोजित की जा रही है, जो रानी दुर्गावती के समय की स्थापत्य कला से प्रेरित है। यहां की आर्किटेक्चरल छत और दीवारें रानी के जीवन की संपूर्ण यात्रा को जीवंत रूप से प्रस्तुत करेंगी, जिसमें नारी युद्ध, प्रगतिशील शासन, और महिलाओं के सशक्तिकरण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को विशेष रूप से उजागर किया जाएगा। इस आयोजन की डिज़ाइन में शानदार पत्थर की दीवारें, मेहराबदार खिड़कियाँ और एक मध्यकालीन किले की प्रामाणिकता को दर्शाने वाले तत्व शामिल होंगे।
इसकी सजावट गोंड कला से प्रेरित होगी, जो रानी दुर्गावती के सिंग्रामपुर क्षेत्र के गोंड समुदाय के साथ उनके गहरे संबंध को उजागर करेगी। खाद्य क्षेत्र को एक पारंपरिक गोंड गाँव के आँगन की तर्ज पर सजाया गया है, जहाँ मेहमान पेड़ों के नीचे बैठकर, हटा से लाए गए प्राचीन कांसे के बर्तनों में परोसा गया भोजन का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, मंत्रियों के लिए विशेष कार्यालय गोंड कला और भित्ति चित्रों से प्रेरित होकर बनाए जा रहे हैं, जो कार्य-क्षमता और सांस्कृतिक सौंदर्य का अनूठा संगम प्रस्तुत करेंगे। सिंग्रामपुर के भव्य आयोजन में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों का स्वागत स्थानीय जनजातीय सांस्कृतिक टीम द्वारा पारंपरिक शैली में किया जाएगा, जो क्षेत्र की अनोखी परंपराओं और जीवंत आत्मा को उजागर करेगा।