भोपाल, 04 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा है कि लोक सेवा प्रबंधन में सीएम हेल्पलाइन आम जनता के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। इस सेवा से जुड़े श्रेष्ठ कार्य करने वालों को प्रोत्साहित किया जाए। साथ ही इस सेवा का दुरुपयोग करने वालों को भी चिन्हित किया जाए।
डॉ यादव ने शुक्रवार को मंत्रालय में लोक सेवा प्रबंधन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव डॉ राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव संजय कुमार शुक्ला और संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित ही यह एक उपयोगी मंच है। कार्य अच्छा हो रहा है लेकिन इसका दुरुपयोग न हो यह भी ध्यान रखा जाए।
प्रमुख सचिव लोक सेवा प्रबंधन राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया गया कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों की अनेक समस्याओं का निराकरण प्रभावी रूप से हो रहा है। सीएम हेल्पलाइन के एकीकृत नंबर 181 पर प्रतिदिन लगभग 60 हजार कॉल आते हैं। सीएम हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों में से 97.3 प्रतिशत शिकायतों का निराकरण हो चुका है। इसी तरह 72% शिकायतें संतुष्टि से बंद की जा चुकी हैं। लंबित शिकायतों का प्रतिशत मात्र 2.7 है।
जानकारी दी गई कि सीएम हेल्पलाइन पोर्टल में एक दिन में ही एक व्यक्ति द्वारा पांच शिकायत करने और 10 से अधिक शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता को उस दिन के लिए ब्लॉक करने पर विचार किया जा रहा है। सीएम हेल्पलाइन व्यवस्था के विश्लेषण के पश्चात अधिक शिकायतें और अनावश्यक शिकायतें करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है।
बैठक में प्रेजेंटेशन में बताया गया कि सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से 40 विभाग के 185 विभिन्न डैशबोर्ड कार्य कर रहे हैं। इनसे फ्लैगशिप स्कीम एवं फ्लैगशिप प्रोजेक्ट भी संबद्ध किए गए हैं। जिला डैशबोर्ड के साथ विभाग के जिला रैंकिंग डैशबोर्ड का परिचालन भी हो रहा है।
अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान भोपाल द्वारा विभिन्न प्रकल्प संचालित की जा रहे हैं। प्रमुख सचिव द्वारा जानकारी दी गई कि गुजरात राज्य में आम जन की समस्याओं के समाधान की कार्यवाही के लिए मध्यप्रदेश के दल ने गुजरात भ्रमण किया है। अन्य राज्यों की बेस्ट प्रैक्टिसेज को प्रदेश में अपनाया जाएगा। महिला हेल्पलाइन और दिव्यांग हेल्पलाइन के संचालन के साथ ही शिकायत की स्थिति पता करने व्हाट्सएप चैट बोर्ड सुविधा भी प्रारंभ की गयी।