सर्वोच्च न्यायालय आदेश के बाद इंदौर में उम्मीद जागी
इंदौर: देश के सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि सड़क और मुख्य मार्ग में बाधक धर्म स्थलों को हटाया जाए. इसके बाद इंदौर में कई मुख्य सड़कों पर मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे बाधक है. उक्त धर्म स्थलों को अन्यत्र शिफ्ट करने में सालों से निगम परेशान है. इसकी वजह जनप्रतिनिधि है, जो वोट की खातिर धर्म स्थलों को हटाने से रोकते हैं अथवा डरते हैं.देश की सर्वोच्च न्यायिक संस्था सुप्रीम कोर्ट ने कल दो महत्वपूर्ण आदेश दिए है. एक अपराधियों के मकान और संपत्ति तोड़ने पर रोक और दूसरा सड़क में बाधक धर्म स्थलों को हटाने का कहा है. अब इंदौर की बात करें तो बीआरटीएस सड़क पर गुरुद्वारा, छोटी खजराना मस्जिद और विजय नगर चौराहे पर स्थित मंदिर के उन भागों को नहीं हटाया जा सका है जो बाधक है.
इसके अलावा भी शहर की अनेक ऐसी सड़क और मुख्य मार्ग हैं, जहां पर सड़क तो बन गई , लेकिन धर्म स्थल मौजूद है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण रिवर साइड कॉरिडोर पर चंद्र भागा पुल का भैरव मंदिर और हनुमान मंदिर है. दूसरी ओर संजय सेतु का मंदिर. वहीं मुकेरीपुरा जवाहर मार्ग, तिलक नगर, सिलावटपुरा चौराहे पर मस्जिद बनी हुई है. शहर में ऐसी और भी कई मुख्य सड़क है, जिन पर बीच में धर्म स्थल बने हैं. सड़कों पर धर्म स्थलों के कारण ट्रैफिक जाम होता है, मगर प्रशासन, नगर निगम और पुलिस लाचार नजर आते हैं. अब प्रशासन को सुप्रीम कोर्ट के आदेश होने के बाद धर्म स्थलों को शिफ्ट करने में कोई परेशानी नहीं आनी चाहिए, ऐसा माना जा सकता है.
धर्म स्थलों के कारण फ्लाई ओवर ब्रिज निर्माण में देरी
हाल ही में खजराना और लवकुश चौराहे पर निर्मित फ्लाई ओवर ब्रिज की भुजाओं के लिए मंदिर बाधक थे. आईडीए को दोनों मंदिर हटाने में पसीना आ गया. आईडीए द्वारा दोनो मंदिरों को पुनर्स्थापित किया गया है. उक्त दोनों पुल निर्माण में करीब एक साल से ज्यादा देरी हो गई है. उसकी लागत का डिफरेंस पैसा अलग से आईडीए को देना पड़ेगा,
बीआरटीएस सड़क पर आठ से ज्यादा धर्म स्थल
आईडीए द्वारा शहर में जेएनयूआरएम योजना में करीब 150 करोड़ रूपए लागत से बीआरटीएस सड़क बनाई गई थी. आज भी उक्त सड़क की चौड़ाई में बाधक मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा बने हुए हैं.
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी स्थिति जस की तस
ध्यान रहे कि मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी सड़क में बाधक धार्मिक स्थल को हटाने के आदेश दिए थे, लेकिन प्रशासन ,पुलिस और नगर निगम आज तक एक धर्म स्थल को नहीं हटा पाया.
धर्म स्थलों के पीछे जनप्रतिनिधि
सड़क में बाधक धर्म स्थलों को हटाने या नहीं हटाने के पीछे जनप्रतिनिधियों की बड़ी भूमिका रहती है. वोट के चलते चुनाव प्रभावित होने के डर से धर्म स्थलों को शिफ्ट नहीं करने देते हैं.
इंदौर की मुख्य सड़कों में बाधक धर्म स्थल
जवाहर मार्ग मालगंज हनुमान मंदिर, मुकेरीपूरा मस्जिद, रामलक्ष्मण बाजार शिव मन्दिर, मधुमिलन चौराहे हनुमान मंदिर, बियाबानी सिलावटपुरा भैरव मंदिर, इतवरिया बाजार भैरव मंदिर, एमजी रोड मल्हारगंज गणेशमंदिर, जोशी मोहल्ला माताजी मंदिर, तिलक नगर मस्जिद, पलासिया चौराहे की मस्जिद, पाटनीपुरा हनुमान मंदिर सहित सैकड़ों धर्म स्थल हैं, जो सड़क की चौड़ाई में बाधक है. उक्त धर्म स्थल हटाने की हिम्मत कलेक्टर, निगमायुक्त, एसपी और कमिश्नर नहीं कर पाएं हैं.