इंदौर. गांधी जयंती के अवसर पर इस साल सेट्रंल जेल से 6 कैदियों को रिहा किया गया. पिछले साल ही यह परंपरा शुरु की गई थी. इसमें विभिन्न जेलों में बंद अलग-अलग सजा याफ्ता कैदियों को रिहा किया जाता है. इन नियमों के आधार पर ही सेेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे 6 बंदियों को बुधवार को रिहा कर दिया गया. इनमें कुछ बंदी ऐसे थे, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. जबकि कुछ बंदी ऐसे थे जिन्हें शासन की तरफ से बची हुई सजा की माफी मिल चुकी है. जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने नवभारत को बताया कि महात्मा गांधी का ध्येय वाक्य था कि अपराध से घृणा करनी चाहिए ना कि अपराधियों से, इन्ही शब्दों को चरितार्थ करते हुए पिछले साल से जेल में बंद बंदियों को छोडऩे की परंपरा शुरू हुई है. जिसका निर्वहन करते हुए बुधवार को गांधी जयंती के मौके पर 6 बंदियों की रिहाई की गई है.
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Wed Oct 2 , 2024