नयी दिल्ली 04 अप्रैल (वार्ता) देश की रक्षा में जुटे सैनिकों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाली सेना चिकित्सा कोर ने यहां अपना 260वां स्थापना दिवस मनाया है।
सेना की ओर से गुरूवार को जारी बयान में कहा गया है कि वर्ष 1764 में स्थापित सेना चिकित्सा कोर ने युद्ध और शांति दोनों ही समय में सदियों से प्रगति, विकास, समर्पण तथा बलिदान के माध्यम से राष्ट्र को निस्वार्थ सेवा प्रदान की है और कोर के आदर्श वाक्य ‘सर्वे सन्तु निरामया’ जिसका अर्थ है ‘सभी रोगमुक्त हों’ की कसौटी पर खरा उतरा है।
थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने बुधवार को यहां आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया जिसका आयोजन स्थापना दिवस पर कोर की उपलब्धियों को सम्मानित करने के लिए किया गया। कार्यक्रम के दौरान सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं की विशिष्ट उपलब्धि का वीडियो भी जारी किया गया ।
कोर के स्थापना दिवस पर उन हजारों अधिकारियों, जेसीओ और अन्य रैंकों के योगदान का उल्लेख किया जाता है जो सशस्त्र बल कर्मियों, परिवारों और पूर्व सैनिकों के जीवन को प्रभावित करने में सफल रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र शांति वाहिनी मिशनों और विदेशों में शांति अभियानों में भी कोर ने चिकित्सा देखभाल के प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
इस कोर ने युद्ध के समय चिकित्सा देखभाल को बेहतर बनाने तथा शांति काल में चिकित्सा देखभाल को उत्कृष्ट स्तर पर ले जाने के अपने प्रयास में कर्तव्य पथ से आगे बढ़ कर व्यावसायिकता, साहस और करुणा के क्षेत्र में एक उच्च मानक स्थापित किया है और ‘ स्वस्थ भारत, विकसित भारत’ के अंतिम लक्ष्य की दिशा में निरंतर आगे बढ़ती रही है।