पीडि़ता पर दवाब बनाने का कर रहा था प्रयास
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने दुष्कर्म व ब्लैकमेलिंग के मामले में फंसे पश्चिम मध्य रेलवे मंडल के कार्मिक विभाग के अधिकारी विनोद कोरी को पूर्व में दी गई जमानत निरस्त कर दी है। जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ ने आरोपी को हिरासत में लिये जाने के निर्देश पुलिस को दिये है।
मामले में पीडि़ता की ओर से आरोपी विनोद कोरी को दी गई जमानत को निरस्त करने यह मामला हाईकोर्ट में दायर किया गया था। जिनकी ओर से अधिवक्ता निखिल भट्ट ने पक्ष रखा। जिन्होंने न्यायालय को बताया कि आरोपी पश्चिम मध्य रेलवे मंडल के कार्मिक विभाग में अधिकारी के पद पर पदस्थ है। जिनकी सहकर्मी महिला ने आरोप लगाया था कि विनोद कोरी ने अपने झांसे में लेकर उनके साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद उन्हें ब्लैकमेल करने लगा। जिसकी शिकायत पीडि़ता ने बरेला थाने में दर्ज करायी थी। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लिया था। जिसके बाद निचली अदालत से जमानत निरस्त होने के उपरांत हाईकोर्ट से आरोपी विनोद कोरी को जमानत मिली थी। पीडि़ता की ओर से बताया गया कि इस दौरान रेलवे ने आरोपी को निलंबित करते हुए उसे सागर स्थानातंरित कर दिया था। पीडि़ता की ओर से आरोपी सागर से जबलपुर आकर पीडि़ता पर उक्त मामले को वापस लेने का दवाब बना रहा है, उक्त संबंध में बतौर साक्ष्य कुछ फोटोग्राफ्स भी पेश किये गये। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि आरोपी जमानक का मिसयूज कर रहा है और पीडि़ता पर दवाब बनाने का प्रयास कर रहा है। उक्त परिस्थितियों पर आरोपी को पूर्व में दी गई जमानत को निरस्त किया जाता है।