नयी दिल्ली 27 सितंबर (वार्ता) भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने सेटेलाइट आधारित वाणिज्यिक संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम के आवंटन वास्ते अनुबंधों और शर्तें पर परामर्श पत्र जारी किया है।
ट्राई ने शुक्रवार को यहां यह परामर्श पत्र जारी करते हुये कहा कि परामर्श पत्र में उठाए गए मुद्दों पर हितधारकों से 18 अक्टूबर 2024 तक लिखित टिप्पणियां एवं 25 अक्टूबर 2024 तक प्रति-टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं। उसने कहा कि दूरसंचार विभाग ने कहा है कि इसके तहत एनजीएसओ (गैर-भू स्थिर कक्षा) आधारित स्थाई उपग्रह सेवाएं जो कि डेटा संचार और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती हैं और जीएसओ/एनजीएसओ आधारित मोबाइल उपग्रह सेवाएं जो कि वॉयस, पाठ्य, डेटा और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करती हैं पर ट्राई अपनी अनुशंसाएं दे सकता है।
दूरसंचार विभाग ने 13 सितंबर 2021 को उससे अन्य बातों के साथ-साथ अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी पर अनुशंसायें देने का अनुरोध किया था। इस संबंध में प्राधिकरण ने 27 सितंबर 2021 और 23 नवंबर 2021 को दूरसंचार विभाग से अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के संबंध में कुछ जानकारी मांगी थी। दूरसंचार विभाग द्वारा प्रदान की गई जानकारी के आधार पर ट्राई ने ‘अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम का आवंटन’ विषय पर छह अप्रैल 2023 को हितधारकों की टिप्पणियों के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया था।
ट्राई ने कहा कि इसी बीच में दूरसंचार अधिनियम, 2023 को दिसंबर 2023 में अधिनियमित किया गया। उपग्रह-आधारित सेवाओं के संबंध में दूरसंचार अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए उसने आठ फरवरी 2024 को दूरसंचार विभाग से कहा कि अंतरिक्ष-आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए अनुशंसायें प्रदान करने के लिए उससे अनुरोध करने वाले संदर्भ की समीक्षा की आवश्यकता हो सकती है।
इस पर दूरसंचार विभाग ने 11 जुलाई 2024 को एक नए संदर्भ पत्र के माध्यम से कहा कि दूरसंचार अधिनियम 2023 की धारा 4 और पहली अनुसूची के प्रावधानों को ध्यान में रखते हुए उपग्रह आधारित संचार सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम मूल्य निर्धारण सहित स्पेक्ट्रम आवंटन के निबंधनों और शर्तों पर अनुशंसायें दी जा सकती है।