आईडीए ने फिजीब्लिटी सर्वे और डीपीआर हेतु जारी किया टेंडर
चंद्रगुप्त से रेडिसन चौराहे कर पांच किलोमीटर लंबा होगा कॉरिडोर
वीरेंद्र वर्मा
इंदौर:इंदौर का पहला एलिवेटेड कॉरिडोर एमआर-10 सड़क पर बनाया जाएगा। इसको लेकर आईडीए ने फिजीब्लिटी सर्वे और डीपीआर कंसल्टेंट हेतु टेंडर जारी कर दिया है. यह चंद्रगुप्त मौर्य चौराहे से रेडिसन चौराहे तक पांच किलोमीटर लंबा होगा। एलिवेटेड दो भुजाओं में तीन तीन लेन का बनाए जाने की योजना है. अब परेशानी का सवाल यह है कि उक्त एलिवेटेड कॉरिडोर की लागत कौन देगा?
शहर की पहली सबसे चौड़ी सड़क एमआर-10 पर आईडीए एलिवेटेड कॉरीडोर बनाने की योजना तैयार कर रहा है। दो भुजाओं का कॉरिडोर दोनों तरफ 5 किलोमीटर लंबा और 12-12 मीटर चौड़ा होगा। कॉरिडोर के बीच बीच में अन्य रास्तों पर उतरने चढ़ने के कट भी होंगे। इसकी प्राथमिक तौर पर निर्माण लागत 5 सौ करोड़ रुपए मानी जा रही है। इस सड़क पर प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरीडोर बनाने में एंड टू एंड जगह पूरी मिल रही है. यह सड़क 60 मीटर यानी 200 सौ फीट चौड़ी है. आईडीए द्वारा निर्मित है और इस पर शहर का आईडीए द्वारा बनाया पहला रेलवे ओवर ब्रिज भी है.
कहां क्या
चंद्र गुप्त चौराहे से शुरू होकर एक लेन रेडिसन चौराहे पर रिंग रोड से आगे सीधे उतरेगी. वही रेडिसन चौराहे से चंद्रगुप्त चौराहा की तरफ जाने के लिए मैट्रो रेल लाइन के बाद से एलिवेटेड कॉरीडोर शुरू होगा. मैट्रो रेल लाइन रेडिसन से खजराना की तरफ मुड़ रही है.
टेंडर जारी
शहर के पहले एलिवेटेड कॉरीडोर के लिए आईडीए ने आज फिजीब्लिटी सर्वे और डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया है. अगले 15 दिन में कंसल्टेंट नियुक्त हो जाएगा. इसके बाद डीपीआर और लागत पर कार्य योजना बनेगी.
पैसा कौन देगा बस यह परेशानी का सवाल
एमआर-10 सड़क अब नगर निगम सीमा में है. पहले यह सड़क आईडीए की योजना में शामिल थी, मगर अब यह नगर निगम की हो चुकी है. इस सड़क पर आईडीए गैर योजना मद में भी काम नहीं कर पाएगा. गैर योजना मद में कुल बजट राशि का 10 प्रतिशत राशि खर्च कर सकता है और एलिवेटेड कॉरीडोर निर्माण लागत 500 सौ करोड़ रुपए के लगभग आंकी जा रही है. आईडीए ने करीब 11 सौ करोड़ के आस पास का बजट चालू वित्तीय वर्ष का बनाया है. 100 सौ करोड़ से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है. केंद्रीय सड़क परिवहन विभाग राशि जारी कर दे तो उक्त परियोजना साकार हो जाएगी.
पूर्व में प्रस्तावित कॉरिडोर हो चुका है निरस्त
इंदौर में पूर्व में एबी रोड पर एलआईजी से नवलखा चौराहा तक एलिवेटेड कॉरीडोर प्रस्तावित किया गया था. इसके लिए चार सौ करोड़ रुपए का टेंडर पास हो चुका था. मिट्टी परीक्षण का काम कंपनी शुरू कर चुकी थी. अब उक्त एलिवेटेड कॉरीडोर निरस्त हो चुका है. इसके एवज में मध्यप्रदेश सरकार को 50 करोड़ का नुकसान हुआ है