नयी दिल्ली, 26 सितंबर (वार्ता) भारत को भ्रष्टाचार विरोधी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों का वैश्विक ऑपरेशनल नेटवर्क (ग्लोब-ई नेटवर्क) की संचालन समिति का सदस्य चुना गया है।
चीन की राजधानी बीजिंग में गुरुवार को आयोजित पूर्ण सत्र के दौरान ग्लोब-ई संचालन समिति के लिए चुनाव हुआ जिसमें बहुस्तरीय मतदान प्रक्रिया में भारत को पंद्रह सदस्यीय ग्लोब-ई संचालन समिति के लिए चुना गया।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो के सूत्रों के अनुसार, संचालन समिति के सदस्य के रूप में भारत, भ्रष्टाचार और संपत्ति वसूली के खिलाफ वैश्विक एजेंडे को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भ्रष्टाचार से निपटने में भारत की विशेषज्ञता और अनुभव ग्लोब नेटवर्क के लिए अमूल्य साबित होगा।
ग्लोब नेटवर्क अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, और भारत की भागीदारी सीमा पार वित्तीय अपराधों और भ्रष्टाचार से निपटने के उसके प्रयासों को मजबूत करेगी। ग्लोबी-ई नेटवर्क, जी-20 की पहल थी। भारत ने 2020 में इस पहल का समर्थन किया था।
ग्लोब-ई नेटवर्क की आधिकारिक तौर पर 03 जून 2021 को भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा के विशेष सत्र (यूएनजीएएसएस) में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान स्थापना की गई थी। ग्लोब-ई नेटवर्क में अब 121 सदस्य देश और 219 सदस्य प्राधिकरण हैं।
गृह मंत्रालय ग्लोब-ई नेटवर्क के लिए केंद्रीय प्राधिकरण है और सीबीआई और ईडी भारत से इस नेटवर्क के सदस्य प्राधिकरण हैं। ग्लोब-ई नेटवर्क एक अद्वितीय मंच के रूप में उभर रहा है जहां दुनिया भर की एजेंसियां जनहित में सर्वोत्तम प्रथाओं, आपराधिक खुफिया जानकारियां साझा करती हैं, रणनीति विकसित करती हैं और भ्रष्टाचार से निपटने में सहयोग करती हैं।
संगठन को नेतृत्व प्रदान करने के लिए नेटवर्क में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और संचालन समिति में 13 सदस्य हैं। वर्ष 2023 में भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, भ्रष्टाचार से निपटने के लिए दो उच्च स्तरीय सिद्धांतों को अपनाया गया था, जिसका ग्लोब-ई नेटवर्क को बहुत लाभ हुआ।