वार्डो का सहायक यंत्री एवं उपयंत्री को सौंपा दायित्व, चर्चाओं का बाजार गर्म
सिंगरौली : नगर निगम में पिछले पखवाड़ा उपयंत्री अनुज सिंह को निलंबित करते हुये सहायक यंत्री पीके सिंह, दिनेश तिवारी, प्रभारी कार्यपालन यंत्री व्हीपी उपाध्याय एवं लेखाधिकारी वित्त सत्यम मिश्रा को कार्यभार से मुक्त कर दिया गया था। यह कार्रवाई परिषद की बैठक में शिवाजी कॉम्प्लेक्स सिवरेज पाइप लाइन के घोटाला से जुड़ा होने पर जमकर हंगामा हुआ था। जहां आयुक्त ने उक्त ननि अधिकारियों पर कड़ा एक्शन लिया था। लेेकिन आयुक्त ने अपने ही आदेश को वापस लेेते हुये विभागीय जांच पूर्ण होने तक उन्हें सहुलियत दे दिया है। इस आदेश के पीछे एक नही अनेक कारण बताए जा रहे हैं।
गौरतलब है कि सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में नगर निगम परिषद की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में शिवाजी कॉम्प्लेक्स नवजीवन बिहार के सिवरेज पाइप लाइन के कार्य में करीब 29 लाख रूपये की आर्थिक अनियमितता एवं घोटाला किये जाने का मामला आने पर आयुक्त ने उपयंत्री अनुज सिंह को निलंबित करते हुये कार्यपालन यंत्री सिविल प्रभारी व्हीपी उपाध्याय, सहायक यंत्री पीके सिंह, दिनेश तिवारी एवं लेखाधिकारी वित्त सत्यम मिश्रा को कार्यभार से मुक्त कर दिया गया था। इस कार्रवाई के बाद नगर निगम आयुक्त को विरोधी निशाने पर लेते हुये लगातार सवाल उठा रहे थे। वही उक्त ननि अधिकारियों पर कार्रवाई किये जाने के बाद सिविल का कामकाज पूरी तरह से प्रभावित हो गया था।
वही अधिकांश पार्षद लामबंद होकर कार्रवाई वापस लिये जाने का दबाव मेयर, अध्यक्ष एवं ननि आयुक्त पर बना रहे थे। अंतत: ननि आयुक्त ने उक्त कार्रवाई को फिलहाल वापस लेते हुये कहा है कि उक्त कार्य में अनियमितता की जांच कार्रवाई प्रचलित है। जिससे सभी संबंधित अधिकारियों एवं संविदाकार के विरूद्ध आरोप पत्र आज जारी किये जाकर सुनवाई उपरांत की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में अंतिम विनिश्चय किया जाना है। जिसमें समय लगने की सम्भावना है तथा निगम में वर्तमान में कोई भी मूल कार्यपालन यंत्री एवं सहायक यंत्री पदस्थ न होने के कारण शासकीय कार्य प्रभावित हो रहा है। इसके दृष्टिगत 3 सितम्बर को की गई कार्रवाई को वापस ले लिया है। आयुक्त के द्वारा उक्त ननि अधिकारियों को फिर से वार्डों का प्रभार एवं लेखा वित्त को कामकाज करने के लिए आदेश जारी किये जाने के बाद नगर निगम में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।