अस्पताल के बजाए अपने खाते में जमा कर लिए रुपए
भोपाल, 22 सितंबर. गांधी नगर पुलिस ने एक अस्पताल संचालक की रिपोर्ट पर उनके मैनेजर के खिलाफ अमानत में खयानत की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है. आरोप है कि मैनेजर ने मरीजों से मिले बिल के भुगतान का पैसा अस्पताल के बजाए अपने खाते में जमा कर लिया था. छह महीने के अंदर उसने 10 से 12 लाख रुपये की हेराफेरी की है. पुलिस के मुताबिक डॉ. दीपक दीक्षित गांधी नगर में प्रायवेट अस्पताल चलाते हैं. उन्होंने अपने अस्पताल में सागर निवासी अनुज सिंघई को मैनेजर के पद पर रखा था. विश्वास होने के कारण डॉक्टर ने अनुज को लेन-देन का काम दिया था. उसका काम अस्पताल में बनने वाले बिलों का भुगतान प्राप्त करके उसे अस्पताल के खाते में जमा करने का था. इस दौरान अनुज अस्पताल में आने वाली धनराशि को अपने खाते में जमा करने लगा. पुराने एकाउंट में लगा दिए चेक डॉक्टर का अस्पताल के पास ही एक बैंक में एकाउंट था, जिसे उन्होंने क्लोज करवा दिया था. दूसरा खाता उन्होंने दूसरी बैंक में खोल लिया था. कुछ समय पहले अनुज ने पुराने खाते में तीन चैक डाले तो बैंक वालों ने डॉक्टर से संपर्क किया. डाक्टर बैंक पहुंचे तो पता चला कि पुरानी चेकबुक उन्होंने मैनेजर को नष्ट करने के लिए दी थी. उसके बाद वह दूसरी बैंक पहुंचे तो पता चला कि अनुज ने यहां भी कुछ चैक लगाए थे, जिसमें एक चैक क्लीयर भी हो चुका है. नौकरी से हटाने के बाद की शिकायत डॉक्टर को मैनेजर की करतूत का पता चला तो उन्होंने पूछताछ की. इस पर मैनेजर ने पैस खर्च होने की बात कहते हुए लोन लेकर वापस करने की बात करने लगा. डॉक्टर ने उसे नौकरी से निकालते हुए पुलिस से शिकायत कर दी. शिकायत की जांच के बाद पुलिस ने मैनेजर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.