नयी दिल्ली, 21 सितंबर (वार्ता) सरकारी ई मार्केटप्लेस (जेम) ने केंद्र में नयी सरकार के पहले 100 दिन के कार्यकाल के दौरान उपयोगकर्ताओं के हित में एक बड़ा निर्णय करते हुए हाल ही में अपने प्लेटफ़ॉर्म पर लेनदेन करने वाले विक्रेताओं/सेवा प्रदाताओं पर लगाए जाने वाले लेनदेन शुल्क में उल्लेखनीय कमी की घोषणा की है। घटी हुई नयी दरें नौ अगस्त 2024 से प्रभावी की गयी हैं।
जेम की इस नयी लेन-देन शुल्क नीति के तहत 10 लाख रुपये तक के सभी ऑर्डर पर अब शून्य लेनदेन शुल्क लगेगा, जबकि पहले पांच लाख रुपये तक के आर्डर पर ही यह छूट थी।
इसी तरह 10 लाख से 10 करोड़ रुपये तक के ऑर्डर पर कुल ऑर्डर मूल्य का 0.30 प्रतिशत की घटी दर से लेनदेन शुल्क लगाया गया है। पहले यह दर 0.45 प्रतिशत थी।
इसी तरह अब 10 करोड़ से अधिक के ऑर्डर पर तीन लाख रुपये का एक समान शुल्क देना होगा, जो पहले 72.5 लाख रुपये था।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार जेम प्लेटफार्म के माध्यम से होने वालेलगभग 97 प्रतिशत लेनदेन पर कोई लेन-देन शुल्क नहीं लगता ।
तमाम सरकारी उपक्रम और विभाग इस जेम पोर्टल के माध्यम से माल और सेवाओं की खरीद करते हैं।
मंत्रायल का कहना है कि यह कदम जेम पर व्यापार करने में आसानी के मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह लेनदेन की लागत में कमी लाने की सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप भी है।
नवीनतम लेनदेन शुल्क संरचना का उद्देश्य सार्वजनिक खरीद पारिस्थितिकी तंत्र तक पहुँच को लोकतांत्रिक बनाना है। इससे जिससे छोटे पैमाने के व्यवसायों के लिए सार्वजनिक खरीद में मूल्य और नवाचार प्रदान करने के अवसर पैदा होंगे ।
मंत्रायल की एक विज्ञप्ति के अनुसार जेम के माध्यम से सेवाओं के लेन देन में भी तेज उछाल आया है। वित्त वर्ष 2024-25 में सेवाओं के लेन देन ने माल के लेन देन को सकल मूल्य के हिसाब से पीछे छोड़ दिया है। गत 31 अगस्त तक जेम पोर्टल पर सकल रूप से 1.39 लाख करोड़ रुपये मूल्य की सेवाओं के सौदे हुए जो इस दौरान हुए सकल 2.15 लाख करोड़ के कुल सौदों के लगभग 65 प्रतिशत के बराबर है।