राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू ने उद्बोधन में संस्कृति परंपरा का किया उल्लेख
सिक्स लेन का किया शिलान्यास सफाईकर्मियों का भी सम्मान,
निर्माल्य से बनी सामग्री की प्रदर्शनी का अवलोकन
नवभारत न्यूज़
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में गुरुवार को महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू पधारी । उज्जैन और इंदौर के बीच बनने वाले सिक्स लेन का शिलान्यास करते हुए सफाई मित्रों का सम्मान भी राष्ट्रपति ने किया।
इसके पश्चात श्रीमती मुर्मू बाबा महाकाल के दर्शन पूजन करने पहुंची । मंदिर परिसर की कोटि तीर्थ पर सफाई पखवाड़े के अंतर्गत स्वच्छता अभियान में शामिल हुई । महाकाल लोक का भ्रमण किया और मूर्तिकारों से चर्चा की।
राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल
महामहिम राष्ट्रपति के साथ मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी शामिल रहे। इंदौर से उज्जैन तक और फिर पुनः इंदौर के दीक्षांत कार्यक्रम में भी राज्यपाल और सीएम राष्ट्रपति के साथ रहे।
दर्शन से लेकर संस्कृति तक का उल्लेख
महाकाल की नगरी उज्जैन में पधारी महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने बाबा महाकाल के दर्शन पूजन से लेकर अवंतिका के वैभव का उल्लेख अपने भाषण में समाहित किया। साथ ही उन्होंने धर्म संस्कृति और परंपरा पर भी प्रकाश डाला।
विक्रम उद्योग पुरी का उल्लेख
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने भाषण में कहा कि उज्जैन में संस्कृति और सभ्यता की परंपरा आज भी बनी हुई है यह प्रसन्नता का विषय है । साथ ही विक्रम उद्योग पुरी के तौर पर अब उज्जैन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उभर रहा है । मैं ने भी अपनी यात्रा स्वच्छता के कार्यों से ही की थी और प्रत्येक वार्डों में सफाई का निरीक्षण करने जाती थी । अब यह स्वच्छता अभियान देशव्यापी स्तर पर प्रारंभ हो गया है और अभूतपूर्व परिवर्तन आया है।
निर्माल्य से बनी सामग्री की प्रदर्शनी
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने इंदौर उज्जैन सिक्स लाइन के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान महाकाल मंदिर में भगवान को अर्पित होने वाले पुष्पों के निर्माल्य से बनी सामग्री की प्रदर्शनी भी देखी और किस प्रकार से फूलों से अगरबत्ती धूप और हवन सामग्री बनाई जाती है , इसकी भी जानकारी ली।
जय महाकाल से समापन
महामहिम जब मंच पर आई तो तालियों की गड़गड़ाहट से मंचासीन अतिथियों और श्रोताओं ने उनका स्वागत किया ।तय कार्यक्रम के पश्चात जब राष्ट्रपति ने अपना संबोधन देना प्रारंभ किया तो उन्होंने अनवरत उज्जैन से लेकर मध्य प्रदेश और पूरे भारत की महिमा का वर्णन किया। इसके पश्चात राष्ट्रपति ने अपने भाषण का समापन जय महाकाल के उद्घोष के साथ किया।