जम्मू-कश्मीर चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार अभियान समाप्त

श्रीनगर/जम्मू, 16 सितंबर (वार्ता) केन्द्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए प्रचार अभियान सोमवार शाम को समाप्त हो गया। राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए अंतिम प्रयास शुरू कर दिए हैं।

प्रथम चरण में राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 24 पर 18 सितंबर को मतदान होगा। जम्मू-कश्मीर में एक दशक में पहला विधानसभा चुनाव होगा और पांच अगस्त, 2019 को नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद पहला चुनाव होगा।

प्रचार अभियान के आखिरी दिन आज राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला , पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती और केंद्रीय मंत्री अमित शाह और जितेंद्र सिंह ने मतदाताओं को लुभाया।
पहले चरण में जम्मू-कश्मीर के आठ जिलों में 24 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 219 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में 5,66,000 युवाओं सहित लगभग 23,27,000 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। कश्मीर क्षेत्र में, पंपोर, त्राल, पुलवामा, राजपोरा, जैनापोरा, शोपियां, डी.एच. पोरा, कुलगाम, देवसर, डूरू, कोकरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवारा-बिजबेहरा, शांगस-अनंतनाग पूर्व और पहलगाम सहित 16 निर्वाचन क्षेत्रों में बुधवार को मतदान होगा। जम्मू क्षेत्र में इंदरवाल, किश्तवाड़, पद्दर-नागसेनी, भद्रवाह, डोडा, डोडा पश्चिम, रामबन और बनिहाल पर मतदान होगा।

श्री उमर अब्दुल्ला ने सांसद अब्दुल रशीद शेख (इंजीनियर रशीद) पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। रशीद अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) का नेतृत्व करते हैं। पहले चरण के मतदान से ठीक दो दिन पहले एआईपी ने प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी के साथ एक रणनीतिक गठबंधन बनाया जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने दोनों पार्टियों पर बाहरी ताकतों से आदेश लेने और उनके एजेंडे का पालन करने का आरोप लगाया। इस चरण में चार पूर्व जमात सदस्य निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं।
श्री उमर ने कहा कि पार्टी ने पहले चरण के लिए एक मजबूत अभियान चलाया था और वे अपनी संभावनाओं के बारे में आशावादी हैं। उन्होंने आज कहा,“नेकां के कार्यक्रमों में लोगों की भागीदारी अधिक थी और हमें उम्मीद है कि वोटों का एक बड़ा हिस्सा हमारे उम्मीदवारों को जाएगा जिससे जीत होगी।”

पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपने अभियान के दौरान सांसद इंजीनियर राशिद की भी आलोचना की एवं उन पर कश्मीरी वोटों को विभाजित करने के लक्ष्य के साथ सरकार का प्रतिनिधि होने का आरोप लगाया। सुश्री मुफ्ती ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी अगली सरकार में किंग मेकर होगी।
राशिद 2019 से आतंकी फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में कैद है। उन्हें विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने के लिए दिल्ली की एक अदालत ने अंतरिम जमानत दी थी। 2024 के लोकसभा चुनाव में भावनात्मक अभियान के दम पर जेल में बंद राशिद ने श्री उमर अब्दुल्ला को दो लाख वोटों के अंतर से हराकर चुनाव जीता।
श्री राशिद ने अपने चुनाव प्रचार के दिनों में बार-बार भाजपा का प्रतिनिधि होने से इनकार किया है। उन्होंने कभी उग्रवाद का गढ़ रहे त्राल में हाल ही में हुई एक जनसभा में आगामी चुनावों में क्षेत्रीय दलों के सामने आने वाली चुनौतियों को उजागर किया।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ने भी मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रयास किए हैं। कांग्रेस का नेकां के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन है ने दक्षिण कश्मीर में गठबंधन उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए शीर्ष नेताओं राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे को उतारा। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कश्मीर में पहले चरण में अपनी पार्टी के लिए प्रचार किया। सोमवार को माधव ने विश्वास जताया कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में अगली सरकार बनाएगी। प्रचार के समापन के साथ ही मतदान से पहले जिलों में उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जम्मू क्षेत्र में प्रचार के अंतिम दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तीन जनसभाएं हुईं।
श्री शाह ने आज कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार आतंकवाद को इस हद तक दफना देगी कि वह कभी वापस नहीं आएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी आतंकवाद के लिए भारतीय धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
उन्होंने किश्तवाड़ जिले के पद्दार-नागसेनी विधानसभा क्षेत्र में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा,“राष्ट्र-विरोधी तत्व जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब तक नरेंद्र मोदी सरकार केंद्र में है कोई भी शक्ति जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को पुनर्जीवित नहीं कर सकती।”
इससे पहले छह सितंबर को श्री शाह ने भाजपा का घोषणापत्र जारी करने और पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के लिए जम्मू का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा आतंकवाद को जमीन से कई फीट नीचे धकेल देगी ताकि वह फिर से वापस न आए। उन्होंने कहा,“किसी को भी आतंकवाद के लिए भारतीय धरती का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।” गृह मंत्री ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 भारत के इतिहास का एक पुराना अध्याय बन गया है और भारतीय संविधान में इसका कोई स्थान नहीं है।

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