काग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव बैठक के पहले ही कोरम के अभाव में उर्ध सॉस लेने लगा
सतना। नगर निगम के पीठासीन अधिकारी और अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के मामले में कलेक्टर के हस्ताक्षर तस्दीक के मामले में कांग्रेस फसती नजर आ रही है। कलेक्टर के सामने प्रत्यक्ष उपस्थित होकर हस्ताक्षर की पुष्टि करने के पहले दिन 9 में से सिर्फ 6 पार्षद पहुंचे और उस पर भी एक निर्दलीय पार्षद ने असहमति जता कर कांग्रेस के प्रस्ताव की वैधता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है।
नगर पालिक निगम के स्पीकर राजेश चतुर्वेदी पालन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन पत्र पेश करने वाली कांग्रेस के पार्षद शुक्रवार को हस्ताक्षर प्रमाणीकरण के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा के समक्ष पेश हुए। समर्थन पत्र पर दस्तखत करने वाले 18 पार्षदों में से 9 पार्षदों को शुक्रवार तथा 9 पार्षदों को शनिवार को उपस्थित होने के लिए पत्र जारी किया गया था। किंतु शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष रावेंद्र सिंह मिथलेश,कृष्णकुमार सिंह केके भइया , अमित अवस्थी सन्नू ,कमला सिंह ,शहनाज बेगम और तिलकराज सोनी ही कलेक्ट्रेट पहुंचे। शेष 3 पार्षदों में से माया देवी कोल जहां गुरुवार को भोपाल में भाजपा की सदस्यता लेकर महाकाल के दर्शन करने उज्जैन जा पहुंची हैं वहीं वार्ड 5 की पार्षद सुषमा केके तिवारी और वार्ड 16 की पार्षद सुनीता चौधरी कलेक्टर के सामने नहीं पहुंचीं।
बंद कमरे में वन टू वन चर्चा –
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने उपस्थित 6 पार्षदों को एक – एक कर अपने चेम्बर में बुलाया और बंद कमरे में उनसे चर्चा कर जाना कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर असहमत हैं या सहमत। उन्होंने हस्ताक्षर का प्रमाणीकरण भी कराया। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी कराई गई। इस दौरान कक्ष में कलेक्टर,पार्षद, निगम को दो अधिकारियों के अलावा अन्य को उपस्थित रहने की अनुमति नहीं थी।
पार्षद शहनाज ने जता दी असहमति,बोलीं कन्फ्यूजन हुआ –
सभी पार्षदों से चर्चा हो जाने के बाद पता चला कि वार्ड 2 की पार्षद शहनाज बेगम ने अपनी पार्टी की तरफ से पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव पर असहमति जता दी है। बाहर आई इस खबर ने कांग्रेसियों के होश उड़ा दिए। शहनाज बेगम से जब अन्य पार्षदों ने पूछा तो उन्होंने कहा कि वो कन्फ्यूजन में पड़ गईं, उन्हें लगा कि स्पीकर पर असहमति जताना है इसलिए ऐसा हो गया।
दोबारा सुनने से कलेक्टर का इंकार –
शहनाज बेगम की असहमति से अविश्वास की चल रही पहल पर खुद को ठगा सा महसूस कर रहे कांग्रेसी पार्षदों ने इस बारे में नेता प्रतिपक्ष और शहर अध्यक्ष से बात की। शहनाज बेगम को पुनः कलेक्टर के सामने ले जाया गया और कहा गया कि वे अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के पक्ष में भी हैं और सहमत भी हैं लेकिन गलती से उनकी असहमति दर्ज हो गई है। लेकिन कलेक्टर ने दोबारा प्रक्रिया अपनाने और सुनने से इंकार कर दिया। हालांकि बाद में कांग्रेसियों ने शहनाज बेगम की तरफ से शपथ पत्र भी प्रस्तुत किया।
कल भी पेश होंगे 9 पार्षद –
मप्र के इतिहास में पहली बार स्पीकर के खिलाफ सतना नगर निगम के कांग्रेसी पार्षदों द्वारा दी गई अविश्वास प्रस्ताव की सूचना फ्लोर टेस्ट के पहले ही कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है. हालांकि हस्ताक्षर करने वाले शेष बचे 9 पार्षद शनिवार को सुबह भी कलेक्टर के सामने पेश होंगे। लेकिन जानकारों की मानें तो कांग्रेस के पास अब उतना भी संख्या बल नहीं बचा है जितना अविश्वास पत्र प्रस्तुत किए जाने के दिन था। पत्र में हस्ताक्षर करने वाले 18 पार्षदों में से 2 महिला पार्षद माया देवी कोल और अर्चना गुप्ता ने भाजपा जॉइन कर ली है तो दो पार्षद सुनीता चौधरी और सुषमा तिवारी तस्दीक के लिए उपस्थित नहीं हुई। वार्ड 2 की पार्षद शहनाज बेगम ने असहमति ही जता दी है ऐसे में कांग्रेस 18 से फिसल कर 13 में आ गई है। हालांकि अभी सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि शनिवार को कांग्रेस के 9 में से कितने पार्षद कलेक्ट्रेट पहुंचेंगे और यहां मात खाने के बाद कांग्रेस पार्षद दल का अगला कदम क्या होगा?
सुबह पत्र सौंपकर प्रक्रिया पर जताया था ऐतराज-
हस्ताक्षर करने वाले पार्षदों को तस्दीक के लिए आमंत्रित किए जाने का विरोध करते हुए काग्रेस ने ज्ञापन सौपा. पहले ही अपने संख्या बल में आ रही कमी और अपने पार्षदों के संपर्क से बाहर होने से हैरान कांग्रेस ने सुबह ही डिप्टी कलेक्टर एलआर जांगड़े को पत्र सौंप कर हस्ताक्षर प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पर ऐतराज जताया था। कांग्रेस ने कहा था कि अधिनियम में कहीं भी ऐसा प्रावधान नहीं है कि पार्षदों को वन टू वन बुलाकर हस्ताक्षर प्रमाणीकरण कराया जाए। इसलिए इस प्रक्रिया को तत्काल रोक कर फ्लोर टेस्ट के लिए नगर निगम का विशेष सम्मिलन बुलाया जाए।