नवभारत न्यूज
मऊगंज/हनुमना, 8 सितम्बर, देश भर मे ऑनलाइन फ्रॉड(ठगी) रोज ही घटनाएं घट रही है. लेकिन जब तक कोई बड़ी घटना भी ऑनलाइन फ्रॉड के साथ न घट जाए तब तक ना तो पुलिस संज्ञान लेती है ना ही साइबर सेल, जहां भारत सरकार सतर्क नहीं हो रही है वहीं पुलिस प्रशासन से शिकायत करने पर आवेदन देते ही पुलिस प्रशासन साफ मना कर देता है कि मैं आपके ऑनलाइन फ्रॉड (ठगी) मामले के आवेदन पर कुछ नहीं करूगा.
उल्लेखनीय है कि नया मामला मध्यप्रदेश के नवगठित जिला मऊगंज के थाना हनुमना का है जहाँ पर ऑनलाइन फ्रॉड(ठगी)का शिकार रूद्र प्रताप सिंह हुए. 05 सितम्बर को हुए ठगी के शिकार रूद्र प्रताप सिंह के अकाउंट मे 04 सितम्बर को अकाउंट मे बैलेंस 31450 रुपए था भारतीय स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाता धारक है. 5 सितम्बर को 20 ट्रांजेक्शन हुआ है जिसमें 12 ट्रांजेक्शन 2000 की है 2 ट्रांजेक्शन 1000 की हजार की है. कुल मिलाकर 30.000 रुपए की राशि हो रही है, ये ट्रांजेक्शन रुद्र प्रताप सिंह सिंह की यूपीआई हैक हो जाने से हुई है. अकाउंट से पैसा डेबिट हो जाने की जानकारी एसएमएस के माध्यम से प्राप्त हुई. साइबर फ्राड होने के बाद तत्काल इसकी सूचना चौकी प्रभारी को दी गई. जहा से कहा गया कि यह साइबर सेल का मामला है आप साइबर सेल में इसकी शिकायत करे. साइबर सेल के अधिकारी से बात करने उन्होंने राय दिया कि आप 1930 टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराये. जहा बार-बार फोन लगाने के बाद भी फोन नही उठा और जब देर रात फोन उठा तो साइबर क्राइम के अधिकारी के द्वारा जानकारी दी गई कि साइबर क्राइम का पोर्टल नहीं चल रहा है. बार-बार पीडि़त शिकायत करता रहा लेकिन कही कोई सुनवाई नही हुई. साइबर क्राइम पोर्टल पर कुल मिलाकर 25950 रुपए की रिपोर्ट साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज हुई और दर्ज कर रिपोर्ट साइबर सेल मऊगंज कार्यालय मे फॉरवर्ड कर दी गई. इसके बाद रुद्र प्रताप के द्वारा 24 घंटे के अंदर ही हनुमना थाना पुलिस को लिखित आवेदन दिया गया. हनुमना पुलिस के द्वारा बोला गया कि आपके आवेदन पर कुछ नहीं करूगा.