भिंड, 08 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के भिंड जिला अस्पताल में दिव्यांगता बोर्ड में कथित दलालों की सक्रियता के मामले की जांच के दौरान गड़बड़ियां सामने आने पर अस्पताल के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने शनिवार को जिला अस्पताल के समस्त चिकित्सक पैरामेडिकल स्टाफ के साथ बैठक की थी। कलेक्टर ने स्टाफ को चेतावनी देते हुए कहा कि मरीजों को भर्ती करने के मामले में किसी भी तरह की अनियमितताएं सामने आयीं, तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान पैरामेडिकल स्टाफ के सदस्यों को फटकार भी लगाई गयी।
कलेक्टर ने भिंड अस्पताल के सिविल सर्जन ऑफिस में दिव्यांगता सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने वाले सोनेलाल का पुरा निवासी आवेदक गजेंद्र सिंह से चर्चा की। कलेक्टर ने आवेदक से बातचीत की और पूछा कि पैसे की मांग करके दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने वाला कौन व्यक्ति था। इस पर आवेदक ने पहचान बताई। इसके साथ बयानों को लिखित में भी दिया गया। इसके बाद दिव्यांग बोर्ड के इंचार्ज से भी कलेक्टर ने पूछताछ की और फॉर्म की एंट्री को लेकर लापरवाही मिलने पर बोर्ड के इंचार्ज अरुण शाक्य को निलंबित कर दिया।
इस दौरान बताया गया कि प्राइवेट वार्ड अलॉट करने वाले प्रभारी मनोज विमल द्वारा पिछले दो साल से मरीजों को प्राइवेट वार्ड अलॉट किए गए हैं परंतु उसकी धनराशि जमा नहीं कराई है। यह मामला उजागर होने पर कलेक्टर ने उन्हें भी निलंबित कर दिया।