सियासत
कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी दलित और आदिवासियों में संगठन को मजबूत करने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रहे हैं. वह लगातार मैदान में कार्यकर्ताओं को लाने की कोशिश में है. इसी सिलसिले में अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण में कोटे के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पूरे प्रदेश में अभियान चलाएगी. पार्टी का अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग युवाओं के बीच इस विषय पर गांवों में चौपाल लगाएगा तो कॉलेज के विद्यार्थियों से भी चर्चा की जाएगी. इस अभियान से गैर सरकारी संगठनों को भी जोड़ा जाएगा ताकि पार्टी अपनी बात प्रभावी तरीके से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचा सके. सितंबर में बैठक करके आदिवासी कांग्रेस इसकी रूपरेखा बनाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण में कोटे की व्यवस्था दी है.
विभिन्न दलित संगठनों ने इसका विरोध किया, जिसका समर्थन अन्य दलों के साथ-साथ कांग्रेस ने भी किया. पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार आरक्षण व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करना चाहती है. यही कारण है कि संघ लोकसेवा आयोग द्वारा वरिष्ठ प्रशासनिक पदों पर विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की भर्ती में आरक्षित वर्गों के अधिकारों का हनन किया गया. आरक्षण के भीतर आरक्षण से भी विसंगतियां पैदा होंगी.भले ही संघ लोकसेवा आयोग ने विज्ञापन वापस ले लिया हो पर सरकार की मंशा तो स्पष्ट हो ही गई. हमने तय किया है कि आरक्षण व्यवस्था से जिस प्रकार छेड़छाड़ के प्रयास हो रहे हैं, उसको लेकर जागरूकता अभियान चलाएंगे। इसमें गैर सरकारी संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा. जल्द ही इसकी रूपरेखा तय करने के लिए प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक की जाएगी.