नयी दिल्ली, 31 अगस्त (वार्ता) दिल्ली पुलिस ने शनिवार को कहा कि ब्रिटेन के बर्मिंघम की यात्रा करने वाले चार यात्रियों के लिए फर्जी यात्रा दस्तावेजों की व्यवस्था करने के आरोप में पंजाब स्थित एक एजेंट और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस को मई में यात्रियों के संदिग्ध व्यवहार के बारे में शिकायत मिली और जांच शुरू की गई।पूछताछ के दौरान यात्रियों ने खुलासा किया कि उन्होंने ब्रिटेन में फर्जी कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट (सीडीसी) और नौकरियों की व्यवस्था करने के लिए एजेंट परमजीत सिंह को 10-10 लाख रुपये अग्रिम भुगतान किया था।
पुलिस ने कहा,“यात्रियों ने खुलासा किया कि वे पैसा कमाने के लिए विदेश जाना चाहते थे और वे एजेंट परमजीत सिंह के माध्यम से एक-दूसरे से मिले थे। परमजीत ने 22 लाख रुपये के बदले में नकली सीडीसी के जरिये उन्हें बर्मिंघम भेजने पर सहमत हुआ था।”
पुलिस के मुताबिक,“उन्होंने यह भी खुलासा किया कि परमजीत के निर्देशों के अनुसार, वे हवाई अड्डे पर काम करने वाले सलमान अब्बासी से मिले थे, जिसने उन्हें अपनी उड़ान में चढ़ने का आश्वासन भी दिया था। एजेंट उन्हें फोन पर मार्गदर्शन देता रहा लेकिन सीआईएसएफ अधिकारियों ने संदेह के आधार पर उन्हें पकड़ लिया।”
आगे की जांच के दौरान इस मामले में एयर इंडिया सैट्स के एक कर्मचारी सलमान अब्बासी को भी गिरफ्तार किया गया था। सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण के आधार पर उसकी गतिविधिया संदिग्ध देखी गईं।
पूछताछ पर आरोपी सलमान ने खुलासा किया कि वह एजेंट के संपर्क में था और एजेंट के एक सहयोगी शाहनवाज ने उसे फर्जी सीडीसी दस्तावेजों के साथ बोर्डिंग के लिए सभी यात्रियों की तस्वीरें भेजी थीं। मामले में शाहनवाज को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने कहा,“शाहनवाज ने अधिकारियों को सूचित किया कि वह पहले हवाई अड्डे पर काम कर चुका था और परमजीत के साथ कमीशन के आधार पर काम कर रहा था। परमजीत उसे यात्रियों का विवरण और उनकी तस्वीरें भेजता था जिसे वह सलमान को भेज देता था। सलमान की ड्यूटी में चेकिंग, बोर्डिंग और दस्तावेज सत्यापन शामिल था और वह अपना कमीशन लेकर यात्रियों को बोर्डिंग की सुविधा प्रदान करता था।”
परमजीत के संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे गए लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद उसका पता नहीं चल सका। उसकी अग्रिम जमानत याचिकाएं सत्र न्यायालय और दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दी थीं।
एसीपी/आईजीआई एयरपोर्ट की कड़ी निगरानी में एक समर्पित टीम का गठन किया गया था। टीम के कड़े प्रयासों के बाद परमजीत (27) को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया।
निरंतर पूछताछ के दौरान परमजीत ने अपराध कबूल कर लिया और खुलासा किया कि उसने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की है और जल्दी पैसा कमाने के लिए एक एजेंट के रूप में काम कर रहा था। उसने कहा कि वह अपने सहयोगियों के साथ लोगों को विदेश भेजने और वहां नौकरी के अवसर दिलाने का वादा करके उन्हें ठगता था।
परमजीत ने यह भी खुलासा किया कि सभी यात्रियों ने उससे संपर्क किया था और विदेश जाने में रुचि व्यक्त की थी। उसने उन्हें आश्वासन दिया कि वह 22 लाख रुपये के बदले में वीजा, नकली सीडीसी और बर्मिंघम तक उनकी यात्रा सहित उनके सभी दस्तावेजों की व्यवस्था करेगा।