गोल्डन आवर्स में इलाज नहीं करने का लगाया आरोप
कार्रवाई का भरोसा दिलाने का बाद शांत हुए लोग
भोपाल, 31 अगस्त. गोविंदपुरा इलाके में शुक्रवार रात एक्सीडेंट में हुई एक युवक की मौत के बाद परिजनों ने शनिवार को गौतम नगर स्थित सिटी अस्पताल के सामने शव रखकर प्रदर्शन किया. परिजनों का आरोप था कि गोल्डन आवर्स में अस्पताल प्रबंधन घायल का इलाज करता तो उसकी जान बच सकती थी. करीब आधा घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद पुलिस अधिकारियों ने निष्पक्ष जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया, जिसके बाद मामला शांत हो गया. इधर रात को अस्पताल में हुई तोडफ़ोड़ और मारपीट के मामले में पुलिस ने 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है. सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जाएगी. जानकारी के अनुसार विकास नगर गोविंदपुरा निवासी राकेश चौधरी (20) प्रायवेट काम करता था. शुक्रवार शाम करीब सात बजे वह एमपी नगर से अपने घर लौट रहा था. कैलाश नगर के पास सामने से आ रही एक तेज रफ्तार कार ने उसकी बाइक को टक्कर मार दी थी, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था. स्थानीय लोगों ने राकेश को इलाज के लिए पास से सिटी अस्पताल पहुंचाया, जहां डाक्टरों ने चेक करने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया था. कुछ देर बाद लोगों ने इलाज नहीं करने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में जमकर तोडफ़ोड़ और पथराव कर दिया था. शनिवार को पुलिस ने शव का पीएम कराने के बाद लाश परिजन को सौंप दी, जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल के सामने लाश रखकर चक्काजाम कर दिया. स्वतंत्र रूप से कराई जाएगी जांच चक्काजाम की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाईश दी. पुलिस ने बताया कि इस मामले की स्वतंत्र रूप से जांच कराई जाएगी, जिसके लिए सीएमओ को पत्र लिखा जा रहा है. जांच रिपोर्ट से पता चल पाएगा कि घटना के समय घायल युवक की स्थिति क्या थी. उसकी जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने कोई प्रयास किए थे अथवा नहीं. पुलिस ने परिजनों को आश्वस्त किया है कि पूरी कार्रवाई से अवगत कराया जाएगा, जिसके बाद मामला शांत हो गया. कार चालक का लिया गया ब्लड सैंपल प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कार चालक नाबालिग है. वह अपने चचेरे भाई और बहन के साथ ओल्ड सुभाष नगर से चेतक ब्रिज की तरफ जा रहा था, तभी अचानक सामने आए बाइक सवार को टक्कर मार दी थी. मेडिकल रिपोर्ट में किसी प्रकार के नशे की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन पुलिस ने अन्य जांच के लिए उसका ब्लड सैंपल लिया है. नाबालिग होने के कारण चालक की काउंसलिंग भी कराई जा रही है, ताकि सही घटनाक्रम का पता चल सके. 50-60 लोगों पर तोडफ़ोड़ का केस दर्ज अस्पताल संचालक डाक्टर उज्जवल गुप्ता की रिपोर्ट पर पुलिस ने अज्ञात 50-60 लोगों के खिलाफ मारपीट, तोडफ़ोड़ और डाक्टरों की सुरक्षा के लिए बनाए गए चिकित्सा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है. डाक्टर गुप्ता ने बताया कि शाम 7.10 बजे बैटरी आटो से एक घायल को लाया गया था. उसे स्टे्रचर पर लिटाया गया. अस्पताल के डॉक्टर ने उसे चेक किया तो मौत हो चुकी थी. इसकी सूचना पुलिस को दी गई और शव को पीएम के लिए हमीदिया भेजा गया. रात करीब पौने नौ बजे उक्त व्यक्ति के इलाज की बात को लेकर पचास से साठ लोगों की भीड़ अस्पताल परिसर में घुसकर तोडफ़ोड़ करने लगी. भीड़ ने अस्पताल में लगे कांच, सीसीटीव्ही कैमरे, कम्प्यूटर, खडी गाड़ी के कांच इत्यादी तोडफ़ोड़ कर करीब 5 लाख रुपये का नुकसान पहुंचाया. डाक्टर गुप्ता ने उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन वह कोई बात सुनने को तैयार नहीं थे. आवाज वाली रिवाल्वर से चलाई गोली डाक्टर गुप्ता ने बताया कि वह बचने के लिए पास ही स्थित अपने घर की तरफ भागे तो भीड़ वहां भी पहुंच गई. उनकी मां अस्पताल से घर आई तो भीड़ में किसी ने उनके सीने पर मुक्का मार दिया. भीड़ उन्हें और उनके परिवार पर हमला करने पर उतारू थी. इसके चलते उन्होंने घर में रखी आवाज वाली रिवाल्वर से आवाज वाले नकली राउण्ड चलाये, जिसके बाद भीड़ भाग गई. दूर जाकर पत्थर मारने पर उनके सिर में चोट आई. अस्पताल की लाईट बंद कर गार्ड राजेंद्र तिवारी के साथ भी मारपीट की गई.