नयी दिल्ली, 27 अगस्त (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के परिवार द्वारा कर्नाटक में नियंत्रित एक ट्रस्ट को पांच एकड़ औद्योगिक भूखंड आवंटित किए जाने की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने की मांग की।
भाजपा ने राज्य सरकार पर आवंटन प्रक्रिया में “हेरफेर” करने का आरोप लगाया। पार्टी ने आरोप लगाया कि उद्योगपतियों के लिए बनाई गई यह जमीन खड़गे परिवार के नियंत्रण वाले एक शैक्षणिक ट्रस्ट को “गलत तरीके से आवंटित” कर दी गई। गौरतलब है कि श्री खड़गे के पुत्र प्रियांक खड़गे और राज्य के भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने पहले ही आरोपों को खारिज कर दिया है।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने यहां आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके पुत्र एवं राज्य के मंत्री प्रियांक खड़गे के तत्काल इस्तीफे की मांग की। उन्होंने दावा किया कि यह “हितों का टकराव” और “सत्ता का संभावित दुरुपयोग” है।
उन्होंने लगाया, “खड़गे परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए नियमों में हेराफेरी कर जमीन आवंटित की गई।” उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास के लिए आवंटित भूमि को “अनुचित तरीके से” एक ऐसे ट्रस्ट को दे दिया गया, जिसकी कोई औद्योगिक पृष्ठभूमि नहीं है। उन्होंने दावा किया कि इससे कर्नाटक की भूमि वितरण नीतियों में निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल उठे हैं। श्री भाटिया ने कहा कि कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के तहत एयरोस्पेस पार्क में स्थित भूखंड, उद्योगपतियों और राज्य के औद्योगिक विकास में योगदान देने वाली कंपनियों के लिए था। उन्होंने कहा, “योग्य औद्योगिक उद्यमों को आवंटित किए जाने के बजाय, जमीन खड़गे परिवार द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को दे दी गई, जो मुख्य रूप से शिक्षा से जुड़ा है, उद्योग से नहीं।”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने आवंटन प्रक्रिया के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए सीबीआई द्वारा निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने कहा, “यह कांग्रेस नेतृत्व के पक्ष में नियमों को तोड़ने का एक स्पष्ट मामला है।”
उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों के लिए निर्धारित जमीन को राजनीतिक रूप से जुड़े पारिवारिक ट्रस्ट को कैसे सौंप दिया गया, इसका पता लगाने के लिए सीबीआई द्वारा स्वतंत्र जांच जरूरी है। श्री भाटिया ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया पर भ्रष्टाचार के कई मामलों में संलिप्त होने का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी बात को पुष्ट करने के लिए मुदा और वाल्मीकि विकास निगम विवादों का भी हवाला दिया।
उल्लेखनीय है कि यह आरोप सबसे पहले भाजपा नेता एवं राज्यसभा सदस्य लहर सिंह सिरोया ने लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि ट्रस्ट के पास कोई औद्योगिक साख नहीं है, फिर भी उसे औद्योगिक उपयोग के लिए विशेष रूप से चिह्नित भूमि के लिए योग्य माना गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भूमि आवंटन प्रक्रिया “भाई-भतीजावाद और राजनीतिक पक्षपात” से प्रभावित थी। दूसरी ओर, श्री पाटिल ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि एयरोस्पेस पार्क में सिविक एमेनिटी (सीए) प्लॉट मानदंडों के “पूर्ण अनुपालन” में और निर्धारित मूल्य पर दिया गया है। उन्होंने भाजपा के दावों को निराधार बताते हुए पार्टी पर “राजनीतिक लाभ के लिए विवाद पैदा करने की कोशिश” करने का आरोप लगाया।