समग्र आर्थिक साझीदारी करार करेंगे भारत, बंगलादेश

समग्र आर्थिक साझीदारी करार करेंगे भारत, बंगलादेश

नयी दिल्ली, 22 जून (वार्ता) भारत और बंगलादेश ने कनेक्टिविटी, व्यापार और सहभागिता के आधार पर अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने के संकल्प के साथ सीमा पार परिवहन सुविधाओं को बढ़ाने और समग्र आर्थिक साझीदारी समझौते (सीपा) पर बातचीत शुरू करने का शनिवार को फैसला किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ यहां हैदराबाद हाउस में प्रतिनिधि मंडल स्तर की बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक के बाद आपसी सहयोग के 10 समझौतों एवं दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करके आदान-प्रदान किया गया। इसके साथ ही 13 घोषणायें भी की गयीं।

श्री मोदी ने घोषणा की कि भारत में चिकित्सा उपचार के लिये आने वाले बंगलादेशी लोगों के लिए ई-मेडिकल वीसा सुविधा शुरू की जायेगी।

उन्होंने अपने मीडिया वक्तव्य में कहा कि बंगलादेश, हमारी पड़ोसी प्रथम, एक्ट ईस्ट नीति, विज़न सागर और हिन्द प्रशांत विजन के संगम पर स्थित है। पिछले एक ही वर्ष में हमने साथ मिल कर लोक कल्याण की अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं को पूरा किया है। अखौरा-अगरतला के बीच भारत-बंगलादेश का छठा क्रॉस-बॉर्डर रेल लिंक शुरू हो गया है। खुलना-मंगला बंदरगाह द्वारा भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिये कार्गो सुविधा शुरू की गयी है। मंगला बंदरगाह को पहली बार रेल से जोड़ा गया है। 1320 मेगावाट मैत्री ताप विद्युत संयंत्र की दोनों इकाइयों ने बिजली उत्पादन शुरू कर दिया है। दोनों देशों के बीच भारतीय रुपये में ट्रेड की शुरुआत हुई है। भारत और बंगलादेश के बीच, गंगा नदी पर, दुनिया की सबसे लंबी दूरी वाला रिवर क्रूज को सफलतापूर्वक संचालित किया गया है। भारत-बंगलादेश के बीच पहली सीमा पार मैत्री पाइपलाइन पूरी की गयी है। भारतीय ग्रिड से होते हुये, नेपाल से बंगलादेश तक बिजली निर्यात, ऊर्जा क्षेत्र में उपक्षेत्रीय सहयोग का पहला उदाहरण बना है। एक ही वर्ष में, इतने सारे क्षेत्रों में, इतने बड़े फैसलों को जमीन पर उतारना, हमारे संबंधों के गति और विस्तार को दर्शाता है।

श्री मोदी ने कहा, “आज हमने नये क्षेत्रों में सहयोग के लिये भविष्योन्मुखी विज़न तैयार किया है। हरित साझीदारी, डिजिटल साझीदारी, ब्लू इकॉनमी, अंतरिक्ष जैसे अनेक क्षेत्रों में सहयोग पर बनी सहमति का लाभ दोनों देशों के युवाओं को मिलेगा। भारत बंगलादेश “मैत्री उपग्रह” हमारे संबंधों को नयी ऊंचाई देगी। हमने अपने फोकस में कनेक्टिविटी, व्यापार और सहभागिता को रखा है। पिछले 10 वर्षों में हमने 1965 से पहले की कनेक्टिविटी को बहाल कर दिया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “अब हम और अधिक डिजिटल और ऊर्जा कनेक्टिविटी पर बल देंगे। इससे दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को गति मिलेगी। हमारे आर्थिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिये, दोनों पक्ष समग्र आर्थिक साझीदारी समझौते (सीपा) पर बातचीत शुरू करने के लिये सहमत हैं। बंगलादेश के सिराजगंज में एक इनलैंड कंटेनर डिपो के निर्माण के लिये भारत सहायता देगा।”

नदियों को लेकर सहयोग की चर्चा करते हुये उन्होंने कहा, “54 साझा नदियाँ, भारत और बंगलादेश को जोडती हैं। बाढ़ प्रबंधन, पूर्व चेतावनी, पेयजल परियोजनाओं पर हम सहयोग करते आये हैं। हमने 1996 की गंगा जल संधि के नवीनीकरण के लिये तकनीकी स्तर पर बातचीत शुरू करने का निर्णय लिया है। बंगलादेश में तीस्ता नदी के संरक्षण एवं प्रबंधन पर बातचीत के लिए शीघ्र ही एक तकनीकी टीम बंगलादेश का दौरा करेगी। ”

श्री मोदी ने कहा कि रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिये, रक्षा उत्पादन से लेकर सैन्य बलों के आधुनिकी करण पर, विस्तार से चर्चा हुयी। हमने आतंकवाद से निपटने, कट्टरवाद और सीमा के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर अपनी सहभागिता को मजबूत करने का निश्चय किया है। हिन्द महासागर क्षेत्र के लिए हमारे विज़न समान है। हिन्द प्रशांत महासागर पहल में शामिल होने के लिए बंगलादेश के निर्णय का हम स्वागत करते हैं। हम बिम्सटेक सहित, अन्य क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी अपना सहयोग जारी रखेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी साझा संस्कृति और लोगों के बीच जीवंत आदान-प्रदान हमारे संबंधों की नीव हैं। हमने छात्रवृत्ति, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण को और बढ़ाने का निर्णय किया है। चिकित्सा उपचार के लिये बंगलादेश से भारत आने वाले लोगों के लिये, भारत ई-मेडिकल वीज़ा सुविधा शुरू करेगा। बंगलादेश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के लोगों की सुविधा के लिए हमने रंगपुर में एक नया सहायक उच्चायोग खोलने का निर्णय लिया है।

श्री मोदी ने कहा, “बंगलादेश भारत का सबसे बड़ा विकास साझीदार है, और बंगलादेश के साथ अपने संबंधों को हम अत्यधिक प्राथमिकता देते हैं। मैं बंगबंधु के स्थिर, समृद्ध और प्रगतिशील बंगलादेश के विजन को साकार करने में, भारत की प्रतिबद्धता को दोहराता हूँ। 2026 में बंगलादेश विकासशील बनने जा रहा है। “सोनार बांग्ला” को नेतृत्व देने के लिये मैं प्रधानमंत्री शेख हसीना का अभिनन्दन करता हूँ। मुझे पूरा विश्वास है कि, हम साथ मिल कर ‘विकसित भारत 2047’ और ‘स्मार्ट बंगलादेश 2041’ के संकल्पों को सिद्धि तक ले जायेंगे।”

उन्होंने कहा, “आज शाम के क्रिकेट वर्ल्ड कप मैच के लिए, मैं दोनों टीमों को अपनी शुभकामनाएँ देता हूँ।”

श्रीमती हसीना ने अपने वक्तव्य में भारत और बंगलादेश के ऐतिहासिक संबंधों को याद किया और बंगलादेश के विकासशील देश बनने की आकांक्षा को पूरा करने की दिशा में भारत के योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने श्री मोदी को ढाका आने का निमंत्रण दिया।

भारत बंगलादेश द्विपक्षीय शिखर बैठक के बारे में मीडिया को जानकारी देते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि आज सुबह प्रधानमंत्री शेख हसीना का राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया, जिसके बाद वह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिये राजघाट गयीं। श्री मोदी और प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हैदराबाद हाउस में एक विस्तृत बैठक की है। आज दोपहर बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति से मुलाकात करेंगी।

श्री क्वात्रा ने कहा कि बंगलादेश के प्रधानमंत्री की यात्रा दोनों देशों के बीच हमारे निरंतर उच्च स्तरीय राजनीतिक जुड़ाव का एक हिस्सा है। बंगलादेश की प्रधानमंत्री उन अंतरराष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं, जिन्होंने इस महीने की शुरुआत में 18वीं लोकसभा चुनाव के बाद नौ जून को केंद्रीय मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था। प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत की आखिरी राजकीय यात्रा सितंबर 2022 में हुई थी, जिसके बाद सितंबर 2023 में जी-20 नेता शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अतिथि देश के रूप में उनकी यात्रा हुई। श्रीमती शेख हसीना श्री मोदी को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनके ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल पर बधाई देने वाले पहले नेताओं में से थीं। दोनों देशों के बीच ये बैक-टू-बैक आदान-प्रदान हमारे संबंधों की विशेष प्रकृति, रणनीतिक साझेदारी और दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच विश्वास और सम्मान को रेखांकित करते हैं।

विदेश सचिव ने कहा कि दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच बातचीत में हमारे द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं द्वारा हमारे द्विपक्षीय और उप-क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिये एक नयी दिशा, प्रोत्साहन और सामग्री प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की गयी। इस रिश्ते को एक परिवर्तनकारी साझेदारी में बदलने के लिये… दोनों नेता भविष्य में बेहतर कनेक्टिविटी, व्यापार और साझा संभावनाओं के लिए सहयोग के लिये भारत-बंगलादेश साझा दृष्टिकोण पर संयुक्त रूप से सहमत हुए हैं। विकसित भारत 2047 और स्मार्ट बंगलादेश का 2041 का विज़न दस्तावेज़ हमारे संबंधित राष्ट्रीय विकास दृष्टिकोण को साकार करने का प्रयास करता है।

श्री क्वात्रा ने कहा कि दोनों नेता आतंकवाद-निरोध, कट्टरवाद-विरोधी और हमारी लंबी भूमि सीमा के शांतिपूर्ण प्रबंधन पर बातचीत तेज करने पर भी सहमत हुए। रिवर्स प्रबंधन पर द्विपक्षीय साझेदारी के संदर्भ में, भारत और बंगलादेश के सामने साझा नदियाँ और उनका उपयुक्त प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1996 की गंगा जल बंटवारा संधि के नवीनीकरण के लिये चर्चा शुरू करने के लिए एक संयुक्त तकनीकी समिति का गठन किया गया है। इस पर जल्द ही तकनीकी चर्चा शुरू होगी। हम उपयुक्त भारतीय सहायता से बंगलादेश के अंदर तीस्ता नदी के संरक्षण और प्रबंधन का कार्य भी करेंगे।

विदेश सचिव ने कहा, “ बंगलादेश भारत के सागर सिद्धांत और हिन्द प्रशांत दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। समुद्री सहयोग और नीली अर्थव्यवस्था पर समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण के दस्तावेज पर आज हस्ताक्षर किये गये हैं, जिसका उद्देश्य हमारे महासागर-आधारित नीली अर्थव्यवस्था और समुद्री सहयोग के क्षेत्र में विकास करना है। समुद्र विज्ञान पर समझौता ज्ञापन उस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए एक रूपरेखा स्थापित करेगा। आपदा प्रबंधन पर समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण से इस पूरे क्षेत्र में प्रतिक्रिया प्रबंधन और क्षमता निर्माण को मजबूत करने में मदद मिलेगी जो भारत-प्रशांत महासागर पहल के प्रमुख स्तंभों में से एक है। ”

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