उज्जैन। फ्रीगंज क्षेत्र में मंगलवार सुबह अग्रवाल पैथालॉजी एंड डायग्नोस्टिक सेंटर में आग लग गई। धुआं और लपटे देख कर्मचारियों में हडकंप मच गया। आग सिटी स्कैन रूम में लगी थी। दमकल कर्मियों ने पौन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया, लेकिन करोड़ो के उपकरण स्वाहा हो गये थे।
माधवनगर थाने से आधा किलोमीटर दूर अग्रवाल डायग्नोस्टिक सेंटर बना हुआ है। जहां पैथालॉजी लेब भी संचालित होती है। सुबह 7.30 बजे कर्मचारी सेंटर पहुंचे थे और कामकाज की शुरूआत की। उसी दौरान सीटी स्कैन रूम से धमाके की आवाज आई और धुआं उठने लगा। कर्मचारी कुछ समझ पाते आग की लपटे दिखाई देने लगी थी। तत्काल फायर बिग्रेड को सूचना दी गई। एक के बाद एक तीन दमकले मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने के प्रयास शुरू किये गये। पौन घंटे में आग पर काबू पाया, लेकिन काफी नुकसान हो चुका था। आग में करोड़ो की सीटी स्कैन मशीन के साथ उससे जुड़े सिस्टम और उपकरण जल चुके थे। माधवनगर पुलिस ने बताया कि सेंटर डॉ. विजय अग्रवाल संचालित करते है। आग लगाने से पहले वहां लगा फायर अलार्म भी बजा था। गनीमत यह रही कि सुबह का समय था और सेंटर पर मरीजों के साथ कर्मचारियों की सं या ाी कम थी। जिसके चलते कोई बड़ी जनहानि नहीं हुई, सिर्फ उपकरणों का नुकसान हुआ है।
बैटरियों में विस्फोट के बाद फैली थी आग
डायग्नोस्टिक सेंटर में इंवेटर लगे हुए है। जिसका एक स्टोररूम बना हुआ, जहां 2 दर्जन के लगभग छोटी-बड़ी बेटरियां लगी हुई है। शार्ट सर्किट के बाद बेटरियों में विस्फोट हो गया था। जिससे आग तेजी के साथ फैली और मशीनों के साथ बाहर काउंटर तक आ पहुंची थी। सेंटर में आगजनी का पहला मामला नहीं है। कुछ साल पहले भी सेंटर में आग लगी थी और काफी नुकसान हुआ था। पुलिस के अनुसार मामले में शिकायत दर्ज कराने पर आगे की जांच शुरू की जाएगी।अस्पताल में भर्ती मरीजों में मची भगदड़
अग्रवाल डायग्नोस्टिक सेंटर से लगा तिरूपति हॉस्पिटल बना हुआ है। सेंटर में लगी आग से उठा धुआं अस्पताल में पहुंच गया था। जहां भर्ती मरीजों में अफरा-तफरी मच गई थी। अस्पताल स्टॉफ को भी लगा था कि उनके यहां आगजनी हुई है। मरीजों के परिजन उन्हे पंलगों से उठाकर बाहर ले आये थे। लेकिन कुछ देर में ही सामने आया कि आग समीप सेंटर में लगी है। आगजनी का पता सही समय पर लग गया और सेंटर भी खुला चुका था। अगर आग एक घंटे पहले लगती तो अस्पताल भी चपेट में आ सकता था।