अपनी बातों पर खरा नही उतर रहा एमपीआरडीसी

एनएच 39 सीधी-सिंगरौली के निर्माणाधीन गोपद पुल से आवागमन 10 अगस्त से शुरू करने का दिया था भरोसा, 7 सितम्बर की मिली डेड लाईन

सिंगरौली :एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारी अभी तक एनएच 39 सीधी-सिंगरौली के निर्माणाधीन फोरलेन सड़क के आवागमन के संबंध में जितनी बार बड़ी-बड़ी बातें किए हैं। उसपर खरे नही उतरे हैं। गोपद पुलिया का आवागमन को शुरू करने के लिए 7 बार डेड लाईन मिल चुकी है।दरअसल सीधी-सिंगरौली राष्ट्रीय राजमार्ग 39 निर्माणाधीन फोरलेन का कार्य करीब 12 साल बाद भी पूर्ण नही हो पाया। करीब 40 फीसदी कार्य जिसमें दर्जन भर पुलिया व गोपद पुल के अलावा घाट कटिंग, फिलिंग एवं आधे से अधिक टू-लेन सड़क का कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।

जबकि एनएच 39 सड़क के निर्माण कार्य में कई सौ करोड़ रूपये इन 12 वर्षों में एमपीआरडीसी खर्च भी कर चुकी है। क च्छुए की गति से हो रहे निर्माण कार्य को लेकर शुरू से ही निर्माण एजेंसी पर सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी दल के नेता भी सवाल करते आ रहे थे। वही एमपीआरडीसी संभागीय दफ्तर रीवा के जिम्मेदार अधिकारी हमेशा सड़क का कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने का झूठी तसल्ली देते हुये आवागमन चालू कराने के लिए तारीख पर तारीख देते आ रहे थे। वर्ष 2017-18 से लेकर अब तक करीब 7 से 8 बार टू-लेन का कार्य पूर्ण होने का खुद डेड लाईन तय करते आ रहे थे।

लेकिन आरोप है कि एमपीआरडीसी के अधिकारी अपनी जुबान पर अब तक खरे नही उतरे हैं। निर्माणाधीन गोपद पुल सबसे बड़ा उदाहरण है। गोपद नदी पर बन रही पुलिया के बन रहे टू-लेन पर आवागमन चालू कराने के लिए 15 जून से लेकर अब तक चार बार डेड लाईन दी जा चुकी है। फिर भी आवागमन चालू नही हो पाया है। इसके पीछे मुख्य कारण संविदाकार के अलावा एमपीआरडीसी के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता मानी जा रही है। जिनके लापरवाही गोपद पुल का कार्य भी पूर्ण नही हो पाया। गोपद पुल के अभी टू-लेन की बात हो रही है। इसपर फोरलेन का कार्य पूर्ण होना दिवास्वप्र जैसे लग रहा है।
डामरीकरण कार्य के बाद एनओसी का रहेगा इंतजार
निर्माणाधीन गोपद पुल के दोनों ओर डामरीकरण का कार्य करीब 1 महीने से चल रहा है। लेकिन नियमित कार्य न होने से केवल डब्ल्यूबीएम कर रोलिंग कर दी गई है। सड़क में डामर करने के लिए मुहूर्त देखा जा रहा है। लोगबाग अब इस तरह के व्यंग कसना शुरू कर दिया हैं। अभी टू-लेेन पुल का हाल है और किसी तरह टू-लेन के डामरीकरण एवं डिवाईडर का कार्य पूर्ण होने के बाद आवागमन चालू कराने की बारी आएगी तो इसके लिए एनओसी का भी इंतजार करना पड़ेगा। इधर बताया जाता है कि संविदाकार ने उक्त गोपद पुल का कार्य पेटी कॉन्टेक्ट में दे दिया है। पेटीकॉन्टेक्टर उक्त कार्य मंथर गति से करा रहा है और इसी के वजह से कार्य लटका हुआ है। अब गोपद पुल पर आवागमन चालू कराने के लिए कलेक्टर ने 7 सितम्बर का डेड लाईन तय किया है।
ध्वस्त होने लगी है एनएच 39 की सड़के
आलम यह है कि करीब 3 साल पूर्व संविदा कंपनी टेक्नोयूनिक के द्वारा सड़क का निर्माण कार्य कराया गया था। जहां अब सड़कें ध्वस्त होने लगी है। वाहन चालक खुद बताते हैं कि एनएच 39 निर्माणाधीन सड़क के टू-लेन पर वाहनों का भारी दबाव है। जिसके कारण सड़क टूट रही है। यदि इसका मरम्मत कार्य समय पर नही कराया गया तो आने वाले दिनों में सड़क में केवल गड्ढे ही गड्ढे नजर आएंगे। चालक यह भी बताते हैं कि गोपद नदी पर बनी पुल जर्जर हो चुकी है। इस पुरानी पुल में आये दिन घण्टों जाम लगता है। जिसके कारण मुसाफिरों को अनायाश दो-चार होना पड़ता है। यह समस्या दशकों से बनी हुई है। फिर भी एमपीआरडीसी के अधिकारी सुस्त हैं और इनकी इस लापरवाही एवं उदासीनता का खामियाजा सीधी-सिंगरौली के रहवासियों एवं मुसाफिरों को भुगतना पड़ रहा है।

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