सर्वोच्च न्यायालय ने सभी मामले ट्रांसफर करने के दिये निर्देश
जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में वर्ष 2019 से लंबित अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से जुड़े सभी प्रकरणों की सुनवाई अब सुप्रीम कोर्ट में होगी । सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने उक्त सभी प्रकरण ट्रांसफर किये जाने के निर्देश दिये है। इसके साथ ही सुको ने 87-13 प्रतिशत के फॉर्मूले को चुनौती देने वाली दो याचिकाओं पर मध्यप्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि सरकार द्वारा ओबीसी प्रकरणों को स्थानांतरित करने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। वहीं अनारक्षित वर्ग की ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर याचिका लंबित होने के कारण मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इन मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है। कोर्ट में प्रकरणों के लंबित होने के कारण मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्तियां नहीं दी जा रही हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मप्र हाईकोर्ट में लंबित सभी 85 याचिकाओं को तत्काल ट्रांसफर करने के निर्देश दिये है। सुप्रीम कोर्ट में अब ओबीसी प्रकरणों की जल्द सुनवाई होने की संभावना है। अब सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा कि ओबीसी को कितना आरक्षण देना है। मप्र हाईकोर्ट में सबसे पहले वर्ष 2019 में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने को चुनौती दी गई थी। इसके बाद कई याचिकाएं दाखिल हुईं। इनमें से कुछ ओबीसी आरक्षण के पक्ष और कुछ विरोध में दायर की गईं। पिछले करीब एक वर्ष से इन प्रकरणों पर सुनवाई नहीं हो पाई है। सुकों में मप्र शासन की ओर से सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया तुषार मेहता ने पक्ष रखा। वहीं अनारक्षित वर्ग की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पैरवी की।