मार्ग पर जगह -जगह खिचड़ी,कोल्डड्रिंक,आइसक्रीम,लड्डू प्रसादी का वितरण किया
ओंकारेश्वर: सावन मास के चौथे सोमवार भगवान ओंकारेश्वर चांदी की सजी धजी पालकी में सवार होकर नगरभ्रमण पर निकले और प्रजा के हालचाल जाने। भगवान ओंकारेश्वर की मुख्य शाही महासवारी जब मंदिर से निकली तो इंद्रदेव ने भी बाबा के स्वागत में बौछारें कीं। हजारों भक्तों ने पालकी के दर्शन किए। श्री ममलेश्वर भगवान की पालकी गौमुख घाट पहुंची। पूजा अभिषेक के बाद दोनों पलकियों को पवित्र नर्मदाजी में नौका विहार कराया गया।
ओंकारजी को
गार्ड-आफ-आनर
शाही महासवारी में चांदी का नंदी, धुपड़ा, चांदी की पालकी, त्रिशूल, चांदी की छतरी, 51 ढ़ोल, बेंड, डीजे, नाचते घोड़े, झाँकिया, भजन मंडलियां, तोपों से उड़तीं फूलों की पंखुडिय़ां आकर्षण का केंद्र रहे। भगवान को गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया।
भक्त गुलाब और ग़ुलाल उत्सव के बीच भावविभोर नाचते भक्त भोले शम्भू भोलेनाथ का उद्घोष करते झंडे लहराते हुए निकले।
ममलेश्वर की पालकी भी पहुंची
दक्षिण तट पर श्री ममलेश्वर भगवान की पालकी गौमुख घाट पर आई। पूजा अभिषेक के बाद दोनों पलकियों को पवित्र नर्मदाजी में नौका विहार कराया गया। गौमुख घाट से दोनों पालकियां नगर भ्रमण करने धूमधाम से रवाना हुई। श्रीममलेश्वर मंदिर, भक्त निवास ब्रम्हापुरी, डंडी आश्रम, भीलठ बाबा चौक, बालवाड़ी मैदान, पुराने बस स्टेण्ड, मुख्य मार्ग से जेपी चौक पंहुची। पुराने पुल से बढ़ चौक में मार्किट होकर वापिस मंदिर पहुंची।
भक्तों के लिए ये इंतजाम
मार्ग पर जगह जगह खिचड़ी, कोल्डड्रिंक, आइसक्रीम, लड्डू प्रसादी का वितरण किया गया। सोमवार को अपरान्ह 2 बजे सजी हुई पालकी में सवार होकर ओंकारजी महाराज ढ़ोल धमाकों के साथ कोटितीर्थ घाट पहुंचे। भगवान की पंचमुखी रजत प्रतिमा का 251 लीटर दूध से अभिषेक किया गया। महाआरती के बाद गुलाब ग़ुलाल उत्सव मनाया गया।